नागपुर में जिलाधिकारी ने उच्च न्यायालय को बताया, अबतक करीब 50 हजार प्रवासी कामगारों को भेजा गया


जिलाधिकारी ने अपने शपथपत्र में कहा कि अपने गृह प्रदेश पैदल ही जा रहे लोगों को पुलिस ने रोका और उनके लिए महाराष्ट्र रोडवेज की बसों की व्यवस्था की। 11 मई से 21 मई के बीच 11 श्रमिक विशेष रेलगाड़ियों के जरिये 9,997 लोगों को और सात मई से 24 मई के बीच 1,949 प्रदेश की रोडवेजबसों से राजस्थान, यूपी, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, गुजरात, पश्चिम बंगाल और बिहार जाने वाले 44,304 लोगों को राज्य की सीमा तक पहुंचाया गया है।



नागपुर। महाराष्ट्र में नागपुर के जिलाधिकारी ने मंगलवार को बंबई उच्च न्यायालय को बताया कि कोविड-19 की चलते लागू लॉकडाउन में फंसे करीब 50 हजार प्रवासी कामगारों को इस महीने के शुरुआत से यहां से अबतक उनके गृह प्रदेशों में भेजा गया है। 
नागपुर के जिलाधिकारी और पुलिस आयुक्त ने यह जानकारी लॉकडाउन की वजह से मुश्किल का सामना कर रहे प्रवासी कामगारों के मद्देनजर अदालत द्वारा लिए गए स्वत: संज्ञान लेकर एक याचिका पर की जा रही सुनवाई के जवाब में दी। 
जिलाधिकारी ने अपने शपथपत्र में कहा कि अपने गृह प्रदेश पैदल ही जा रहे लोगों को पुलिस ने रोका और उनके लिए महाराष्ट्र राज्य परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) की बसों की व्यवस्था की। उन्होंने बताया कि 11 मई से 21 मई के बीच 11 श्रमिक विशेष रेलगाड़ियों के जरिये 9,997 लोगों को नागपुर से भेजा गया। वहीं सात मई से 24 मई के बीच 1,949 एमएसआरटीसी की बसों से राजस्थान, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, गुजरात, पश्चिम बंगाल और बिहार जाने वाले 44,304 लोगों को राज्य की सीमा तक पहुंचाया गया।
हलफनामे में यह भी बताया गया कि जिले में हजारों की संख्या में राशन किट और खाने के पैकेट प्रवासियों, दिहाड़ी मजदूरों और जरूरतमंदों को बांटे गए। न्यायमूर्ति रवि देशपांडे और न्यायमूर्ति अमित बोरकर की पीठ ने हलफनामे को रिकॉर्ड में लेने के साथ मामले की अगली सुनवाई दो जून तक के लिए टाल दी।



Related