नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया में दो हिंदू मंदिरों में हाल में की गई तोड़फोड़ की निंदा करते हुए भारत ने गुरुवार को कहा कि उसने मामले को वहां की सरकार के समक्ष उठाया है और उम्मीद करता है कि दोषियों के खिलाफ जांच और जल्द कार्रवाई होगी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने साप्ताहिक ब्रीफिंग के दौरान कहा- हम कुछ ऐसे मंदिरों के बारे में जानते हैं जिन्हें ऑस्ट्रेलिया में तोड़ा गया है.. हम इस तरह की घटनाओं की कड़ी निंदा करते हैं। इन घटनाओं की ऑस्ट्रेलियाई नेताओं, समुदाय के लोगों और वहां के धार्मिक संघों द्वारा सार्वजनिक रूप से निंदा की गई है।
17 जनवरी को कैरम डाउन्स, विक्टोरिया में श्री शिव विष्णु मंदिर तोड़फोड़ की गई, उससे कुछ दिन पहले कथित खालिस्तान समर्थकों में मेलबर्न के उत्तरी उपनगर मिल पार्क में बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर की दीवारों में भारत विरोधी चित्र बनाए और बातें लिखी थी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि मेलबर्न में भारतीय महावाणिज्य दूतावास ने इस मामले को स्थानीय पुलिस के समक्ष उठाया है। भारत ने इस घटना की गहन जांच का अनुरोध करते हुए भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए इस मामले को ऑस्ट्रेलियाई सरकार के समक्ष उठाया है।
बागची ने कहा, हमने शीघ्र जांच, अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के उपायों का अनुरोध किया है। इस मामले को ऑस्ट्रेलियाई सरकार के साथ- कैनबरा और नई दिल्ली में भी उठाया गया है, और हम उस कार्रवाई की प्रतीक्षा कर रहे हैं जिसका हमने अनुरोध किया है।
हिंदू काउंसिल ऑफ ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया राज्य के अध्यक्ष मकरंद भागवत ने ऑस्ट्रेलिया टुडे को बताया था कि पूजा स्थलों के खिलाफ किसी भी तरह की नफरत और तोड़फोड़ स्वीकार्य नहीं है और हम इसकी निंदा करते हैं। उन्होंने विक्टोरियन बहुसांस्कृतिक आयोग और विक्टोरिया के बहुसांस्कृतिक मंत्री के सामने इस मुद्दे को उठाने का वादा किया।
मेलबर्न हिंदू समुदाय के सदस्य सचिन महते ने कहा था, अगर इन खालिस्तान समर्थकों में हिम्मत है तो उन्हें शांतिपूर्ण हिंदू समुदायों के धार्मिक स्थलों को निशाना बनाने के बजाय विक्टोरियन संसद भवन पर इस तरीके के भड़काऊ चित्र बनाने चाहिए।
जनगणना के आंकड़ों के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया में हिंदू धर्म सबसे तेजी से बढ़ने वाला धर्म है। 2021 की ऑस्ट्रेलियाई जनगणना में, हिंदू धर्म 55.3 प्रतिशत बढ़कर 684,002 हो गया।