चीन की चाल के बाद भारत ने पैंगोंग सो में सैन्य मौजूदगी मजबूत की

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नई दिल्ली। गलवान के बाद चीन की चाल को देखते हुए भारतीय सेना ने पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग सो के आसपास सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी है। सूत्रों के अनुसार, सेना ने साथ ही पैंगोंग सो के दक्षिणी तट पर एक क्षेत्र पर अतिक्रमण करने के चीन के ताजा प्रयास को विफल करने के बाद पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा से लगे सभी क्षेत्रों में समग्र निगरानी तंत्र को और मजबूत किया है।

इससे पहले दिन में सेना के प्रवक्ता कर्नल अमन आनंद ने बताया कि चीन की सेना ने ‘‘एकतरफा’’ तरीके से पैंगोंग सो के दक्षिणी तट पर यथास्थिति बदलने के लिए ‘‘उकसावेपूर्ण सैन्य गतिविधि’’ की लेकिन भारतीय सैनिकों ने प्रयास को असफल कर दिया। सूत्रों ने कहा कि शीर्ष सैन्य एवं रक्षा प्राधिकारियों ने पूर्वी लद्दाख में पूरी स्थिति की समीक्षा की है। साथ ही सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने ताजा टकराव को लेकर शीर्ष सैन्य अधिकारियों के साथ एक बैठक की।

सूत्र के मुताबिक, सेना पैंगोंग सो क्षेत्र में स्थित सभी रणनीतिक बिंदुओं पर काबिज है और उसने सैनिकों और हथियारों की तैनाती को मजबूती प्रदान की है। सूत्र ने कहा कि नयी तैनाती इस क्षेत्र में भारत को बड़ा लाभ पहुंचाएगी। भारत ने इस क्षेत्र में विशेष अभियान बटालियनों से भी सैनिकों की तैनाती की है।

सूत्रों ने कहा कि खासी संख्या में चीनी सैनिक पैंगोंग सो के दक्षिणी तट की ओर बढ़ रहे थे जिसका उद्देश्य उक्त क्षेत्र पर अतिक्रमण करना था लेकिन भारतीय सेना ने प्रयास को नाकाम करने के लिए एक महत्वपूर्ण तैनाती कर दी।

सूत्रों ने कहा कि भारतीय वायुसेना से भी कहा गया है कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा से लगे क्षेत्रों में चीन की वायु गतिविधियां बढ़ने के मद्देनजर अपनी निगरानी बढ़ाये। चीन ने लंबी दूरी के लड़ाकू विमान जे-20 और कई अन्य प्रमुख परिसंपत्तियों को रणनीतिक रूप से स्थित होतान एयरबेस पर तैनात किया है जो पूर्वी लद्दाख से लगभग 310 किलोमीटर दूर स्थित है।

पिछले तीन महीनों में, भारतीय वायुसेना ने अपने सभी प्रमुख लड़ाकू विमानों को पूर्वी लद्दाख के प्रमुख सीमावर्ती एयरबेस और वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास अन्य स्थानों पर तैनात किए हैं। भारतीय वायुसेना ने चीन को परोक्ष तौर पर यह स्पष्ट संदेश देने के लिए पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में रात के समय हवाई गश्त की कि वह पहाड़ी क्षेत्र में किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।

भारतीय वायुसेना ने साथ ही पूर्वी लद्दाख में अपाचे लड़ाकू के साथ-साथ विभिन्न अग्रिम स्थानों पर सैनिकों को पहुंचाने के लिए चिनूक हेवी-लिफ्ट हेलीकॉप्टरों को भी तैनात किया है। चीन द्वारा पैंगोंग सो क्षेत्र में यथास्थिति को बदलने का ताजा प्रयास 15 जून को गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद क्षेत्र में पहली बड़ी घटना है जिसमें भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे।



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