कोरोना के बाद की दुनिया में भारत के लिए होंगी अपार संभावनाएं: चंद्रशेखरन

टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने शनिवार को कहा कि कोविड-19 के बाद की नई विश्व व्यवस्था में भारत के लिए अपार अवसर होंगे, लेकिन इसका फायदा उठाने के लिए देश को तैयार करने और खासतौर से डेटा तथा कराधान के क्षेत्र में नियामक मानक बनाने की जरूरत है।

नई दिल्ली । टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने शनिवार को कहा कि कोविड-19 के बाद की नई विश्व व्यवस्था में भारत के लिए अपार अवसर होंगे, लेकिन इसका फायदा उठाने के लिए देश को तैयार करने और खासतौर से डेटा तथा कराधान के क्षेत्र में नियामक मानक बनाने की जरूरत है।

उन्होंने उद्योग संगठन फिक्की के 93वें वार्षिक अधिवेशन में कहा कि यदि यह विचार कि ‘‘2020 का दशक भारत का है’’ को साकार करना है तो उद्योग को मुखर होना होगा और सभी परियोजनाओं की परिकल्पना बड़े स्तर पर करनी होगी।

उन्होंने कहा कि इसके साथ ही प्रतिभा, डेटा और बैंडबिड्थ पर नए सिरे से ध्यान देने की जरूरत है।

चंद्रशेखरन ने कहा, ‘‘मुझे यहां उद्योग और सरकार के बीच एक सहयोगी भूमिका दिखाई दे रही है… सरकार को इस साझेदारी को सक्षम बनाना चाहिए और भारत को इस नई दुनिया में भाग लेने के लिए तैयार करना चाहिए। यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हर गांव में पर्याप्त बैंडविड्थ और किफायती डेटा हो।’’

उन्होंने कहा कि सरकार को डेटा गोपनीयता, डेटा स्थानीयकरण और सामान्य कराधान पर आवश्यक नियामक मानकों को भी स्थापित करना चाहिए।

चंद्रशेखरन ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के बाद भारत के लिए अपार अवसर हैं। उन्होंने कहा कि अतीत में भारत ने सकल घरेलू उत्पाद में विनिर्माण के प्रतिशत को बढ़ाने के लिए संघर्ष किया है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम आमतौर पर बिजली, लॉजिस्टिक्स और श्रम जैसे मुद्दों का उल्लेख करते हैं। हमने उच्च ब्याज दरों की ओर ध्यान दिलाया है… लेकिन भविष्य में यदि हम इसे पीछे छोड़ सकें तो हम नई विश्व व्यवस्था की एक धुरी बन सकते हैं।’’

First Published on: December 12, 2020 6:38 PM
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