विशाखापत्तनम। थल सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने बृहस्पतिवार को यहां नौसेना डॉकयार्ड में लड़ाकू पोत आईएनएस कवरत्ती को भारतीय नौसेना में शामिल किया ।
आईएनएस कवरत्ती प्रोजेक्ट 28 (कमरोटा श्रेणी) के तहत स्वदेशी चार जहाजों में से आखिरी जहाज है और इसका डिजाइन नौसेना की शाखा नौसेना डिजाइन निदेशालय ने तैयार किया है ।
सभी प्रणाली लगाए जाने और समुद्र में परीक्षण के बाद लड़ाकू भूमिका में तैयारी के साथ इसे नौसेना में शामिल किया गया है। आईएनएस कवरत्ती अत्याधुनिक हथियारों से लैस है और यह सेंसर के जरिए पनडुब्बियों का पता लगाने में सक्षम है। पनडुब्बी रोधी युद्धक क्षमता से लैस होने के साथ इस जहाज को लंबी तैनाती पर भेजा जा सकता है। इसमें ऐसी तकनीक का इस्तेमाल किया गया है कि यह दुश्मनों की नजर से बचकर निकल सकता है ।
नौसेना के मुताबिक, ‘‘जहाज में 90 प्रतिशत तक स्वदेशी सामान का इस्तेमाल हुआ है और इसमें ढांचा के निर्माण में कार्बन कम्पोजिट इस्तेमाल किया गया । ’’ कवरत्ती को शामिल करने से भारतीय नौसेना की क्षमता में इजाफा होगा।
नौसेना ने कहा है कि गार्डन रिच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई), कोलकाता ने यह जंगी पोत तैयार किया है। पूर्वी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल अतुल कुमार जैन, जीआरएसई के अध्यक्ष और प्रबंधन निदेशक एडमिरल (सेवानिवृत्त) वी के सक्सेना और अन्य अधिकारी कार्यक्रम में मौजूद थे ।