
प्रवसपीड़ा के बादा भी परीक्षण टीम में जुटी रही महिला
कंपनी ने कोरोना टेस्ट किट को स्वदेश में ही डिज़ाइन किया है। कंपनी मॉलिक्यूलर डायग्नोस्टिक्स क्षेत्र में काम कर रही है और विभिन्न रोगों के निदान के लिए पहले ही कई किट तैयार कर चुकी है।
भारत फिलहाल जर्मनी से कोविड -19 परीक्षण किट मंगवा रहा है। इस किट की मांग दुनिया भर से हो रही है। हालांकि यह किट काफी महंगे हैं। मायलैब डिस्कवरी सॉल्यूशंस के रणजीत देसाई औऱ कार्यकारी निदेशक एवं संचालन प्रमुख राहुल पाटिल ने बताया कि ये देसी किट आउटडोर यानी विदेशों से मंगाए गए किट से काफी सस्ती हैं। हम एक दिन में 50 हजार तक और एक सप्ताह में डेढ़ लाख किट का उत्पादन
कर सकते हैं। यह विदेशी किट की तुलना में चार गुना सस्ते साबित होंगे। ढाई घंटे के भीतर ही इस स्वदेशी किट से कोरोना वायरस के संक्रमित लोगों की पहचान की जा सकेगी। फिलहाल मरीजों की जांच में सात घंटे का समय लगता है। वहीं दूसरी तरफ पुणे की एक महिला वायरोलॉजिस्ट ने प्रसव पीड़ा के बावजूद कोरोना वायरस की जांच के लिए बनी पहली स्वदेशी जांच किट बनाने का हिस्सा बनने की उपलब्धि हासिल की है। पुणे की मायलैब फॉर्मास्युटिकल कंपनी ने केवल छह सप्ताह में ही इस कोरोना परीक्षण किट का सफलतापूर्वक निर्माण किया है। इस किट की सफलता के बाद महिला डॉक्टर ने अपने बच्चे को अस्पताल में सर्जरी के जरिए जन्म दिया। पुणे की इस रिसर्च टीम की चारों ओर से सराहना हो रही है। सरकार ने इस किट के व्यावसायिक निर्माण की मंजूरी दे दी है। पुणे की मायलैब फॉर्मास्युटिकल कंपनी में बतौर अनुसंधान और विकास विभाग के प्रमुख के रूप में काम करनेवाली डॉक्टर मीनल भोसले प्रसव पीड़ा की परवाह न करते हुए प्रसव से कुछ घंटे पहले ही भारत के पहले कोविड-19 परीक्षण किट का सफल परीक्षण करनेवाली टीम का हिस्सा बनी। गृह निर्माण मंत्री जितेंद्र ने भी डॉक्टर मीनल दाखवे-भोसले की प्रशंसा की है।