आज महिलाएं पुरुषों से किसी मामले में कम नहीं हैं बल्कि कई क्षेत्रों में वे अपने को पुरुषों से आगे होना साबित किया है। कई भारतीय महिलाओं ने घर से लेकर बाहर तक और निजी जीवन से लेकर प्रोफेशनल्स लाइफ तक में सफलता के कीर्तिमान स्थापित किये हैं। कुछ महिलाओं के कार्य ने तो दूसरे के लिए प्रेरणा का काम कर रहा है।
साल 2020 में भी भारतीय महिलाओं ने ऐसे कई कीर्तिमान गढ़े हैं जो आज लाखों महिलाओं के लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं है। इन सभी महिलाओं ने यह सिद्ध किया कि जब जज्बा हो कुछ कर गुजरने की तो राह में चाहे कितने ही रोड़े क्यों न आये मंजिल तक पहुंचना असंभव नहीं है। खेल, फ़िल्मी दुनिया, व्यापार से लेकर रक्षा क्षेत्र में भारतीय महिलाओं ने सफलता के झंडे गाड़े हैं। आज इस लेख में हम उन महिलाओं के बारे में आपको बताने जा रहे हैं जिनका जीवन एवं कार्य लाखों महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत बना है। आइए जानते हैं इन इंस्पिरेशनल महिलाओं के बारे में-
अंकिती बोस
खेल और सेना के साथ व्यापार के क्षेत्र में भी महिलाएं किसी से कम नहीं है। अंकिती बोस के बारे में कहा जाता है कि मात्र चार साल में अपनी कंपनी को करीब एक अरब डॉलर का बना दिया है। साउथ ईस्ट एशिया के फैशन और ई-कॉमर्स प्लैटफॉर्म जीलिंगो की सीईओ हैं। हाल में ही उन्हें यूनिकॉर्न स्टेटस सम्मान से सम्मानित किया गया है।
दुती चंद
इस साल खेल की दुनिया में भी कई महिला खिलाड़ियों ने देश का नाम रोशन किया है। इन्हीं भारतीय महिला खिलाड़ी में से एक है दुती चंद। दुती चंद एक धावक हैं, जिन्होंने देश के लिए कई कीर्तिमान नाम किए हैं। 2018 एशियाई खेलों में रजत पदक के साथ 2019 में विश्व विश्वविद्यालय के खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय बनीं।
गीता गोयल
माइकल और सुसान डेल फाउंडेशन की कंट्री मैनेजर गीता गोयल बेहतर शिक्षा और वित्तीय समावेशन के जरिए शहरी कम आय वाले समुदायों के जीवन को बदलने में मदद करने में एक प्रेरक की भूमिका में हैं। एक निवेशक के तौर पर गोयल ने 35 से अधिक पोर्टफोलियो कंपनियों में निवेश का नेतृत्व किया और देश में $ 100 मिलियन से अधिक का निवेश किया।
गीता मंजूनाथ
गीता मंजूनाथ, जिनके पास आईटी अनुसंधान में 25 वर्षों का अनुभव है, निरमाई के संस्थापक और सीईओ हैं, जो एक गहरी तकनीक स्टार्टअप है जिसने गोपनीय-जागरूक तरीके से स्तन कैंसर के प्रारंभिक चरण का पता लगाने के लिए एक समाधान विकसित किया है।
करुणा नंदी
सुप्रीम कोर्ट की एक वकील के रूप में करुणा नंदी का ज्यादातर ध्यान मानव अधिकारों और मीडिया कानून पर है। 43 साल की नंदी को विशेष रूप से 2012 के दिल्ली गैंगरेप के बाद भारत के बलात्कार विरोधी बिल को तैयार करने और भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों के लिए लगातार लड़ने के लिए जाना जाता है। हाल ही में, दुनिया भर में मीडिया की स्वतंत्रता की रक्षा करने वाली रूपरेखा तैयार करने के लिए नंदी को यूके के विशेषज्ञों के पैनल में नियुक्त किया गया है।
मानसी जोशी
मानसी जोशी, जिसने एक दुर्घटना में अपना पैर खो दिया था, एक पैरा-बैडमिंटन एथलीट के रूप में भारत का प्रतिनिधित्व करती है। 2019 में, उन्होंने स्विट्जरलैंड के बासेल में एसएल 3 श्रेणी में बीडब्ल्यूएफ पैरा-बैडमिंटन विश्व चैंपियनशिप में अपना पहला स्वर्ण जीता।
मोनिका शेरगिल
मोनिका शेरगिल, एक अनुभवी मीडिया पेशेवर, जिनका दो दशकों से अधिक का अनुभव है, भारत में नेटफ्लिक्स के लिए श्रृंखला टीम की प्रमुख है। शेरगिल इससे पहले वायाकॉम 18 डिजिटल वेंचर्स, ज़ी, सोनी और स्टार इंडिया नेटवर्क पर भी काम कर चुकी हैं। स्टार पर नॉन-फिक्शन प्रोग्रामिंग और रणनीति के प्रमुख के रूप में, उन्होंने स्टार प्लस और नौ अन्य नेटवर्क चैनलों के लिए सबसे बड़ी नेटवर्क बहुभाषी सामग्री परियोजना, श्रृंखला, ‘सत्यमेव जयते’ को तैयार किया।
सुचिता सलवान
अब घूमना सिर्फ मर्दों तक सिमित नहीं है अब औरतें भी खुल कर घूमती- फिरती हैं और उतनी ही सीखती और समझती भी हैं जितना की एक पुरुष। सुचिता सलवान को हमेशा नए रेस्तरां, कैफे और सांस्कृतिक जगहों की खोज करना पसंद था। आज, उनका उद्यमीय प्रयास, लिटिल ब्लैक बुक (LBB) 4.5 मिलियन से अधिक मासिक सक्रिय उपयोगकर्ताओं के साथ एक समुदाय-संचालित मंच के रूप में उभरा है। यह आठ भारतीय शहरों में भोजन, इवेंट्स और खरीदारी के लिए स्थानीय सिफारिशें प्रदान करता है।
अश्वनी अय्यर तिवारी
फ़िल्मी निर्माता के दुनिया में भी भारतीय महिलाएं अब बहुत आगे निकल चुकी हैं। कई वर्षों तक विज्ञापन में काम करने के बाद अश्वनी अय्यर तिवारी आज एक जानी-मानी फिल्म निर्माता है। नील बट्टे सन्नाटा, बरेली की बर्फी और पंगा जैसी बेहतरीन फिल्मों के निर्देशक के तौर पर अश्वनी अय्यर तिवारी एक फेमस भारतीय फिल्ममेकर बन चुकी हैं।
बाला देवी
फुटबॉल के मामले में हम अक्सर भारतीय महिलाओं को कमज़ोर समझते हैं, लेकिन बाला देवी विदेशी फुटबॉल क्लब में खेलने वाली पहली भारतीय महिला बनकर ये साबित कर दिया कि फुटबॉल के मामले में भी भारतीय महिलाएं किसी से कम नहीं है। भारतीय महिला फुटबॉल प्लेयर बाला देवी स्कॉटलैंड के फुटबॉल क्लब रेंजर्स के साथ खेलने का मौका हासिल किया है।