जयशंकर ने खाड़ी देश में काम को लेकर जताई उम्मीद, कहा- भारतीयों की वापसी सुगम बनाने में करेंगे मदद

जयशंकर ने कहा कहा कि मोदी सरकार विदेश में रहने वाले लोगों के हितों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है।

नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को कहा कि सरकार विदेशों में काम करने वाले लोगों के रोजगार की चिंताओं से पूरी तरह से अवगत है और उम्मीद करती है कि खाड़ी क्षेत्र के देश ऐसे भारतीयों की वापसी को सुगम बनाने में मदद करेंगे जिन्हें कोविड-19 के कारण भारत लौटने को मजबूर होना पड़ा था।

लोकसभा में जयशंकर ने विदेश में रहने वाले भारतीयों, गैर-निवासी भारतीयों (एनआरआई) और भारतीय मूल के लोगों (पीआईओ) के कल्याण से संबंधित हाल के घटनाक्रमों पर अपने बयान में यह बात कही।

विदेश मंत्री ने कहा कि जिस प्रकार से सरकार ने आर्थिक स्थिति को पटरी पर लाने के लिये घरेलू स्तर पर काम किया, उसी प्रकार से विदेशों में रहने वाले भारतीयों की आजीविका के लिए भी अथक प्रयास किये जा रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘ इस दिशा में हवाई सेवा की व्यवस्था एक अहम कदम है। इसके आगे हम अपने सहयोगी देशों की सरकारों से आग्रह कर रहे हैं कि जैसे-जैसे वे स्थिति को पटरी पर लाने की दिशा में कदम बढ़ायें, वे हमारे नागरिकों के रोजगार के विषय पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करें।’’

जयशंकर ने कहा कि हमारे इन प्रयासों के केंद्र में खाड़ी क्षेत्र है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल के महीनों में सऊदी अरब, कतर और ओमान के नेताओं के साथ चर्चा की।

उन्होंने कहा, ‘‘ हमारे हाल के संवाद से हमें उम्मीद है कि खाड़ी क्षेत्र में हमारी सहयोगी सरकारें भारतीयों की वापसी को सुगम बनाने में मदद करेंगी जिन्हें महामारी के कारण भारत लौटने को मजबूर होना पड़ा था।’’

जयशंकर ने ‘वंदे भारत मिशन’ का उल्लेख करते हुए कहा कि इसके माध्यम से 98 देशों से 45,82,043 लोग भारत लौटे। उन्होंने कहा कि बड़ा मुद्दा यह था कि विदेश में फंसे लोगों को वापस लाया जाएगा।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिशानिर्देश पर मिशन की शुरुआत की गई। इस मिशन के तहत केरल में सबसे ज्यादा लोग लौटे। इसके बाद दिल्ली और महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा लोग लौटे। वापस आने वाले लोगों में 39 फीसदी लोग कामगार थे।

विदेश मंत्री ने कहा कि सरकार ने उन्हें वापस लाने के लिए उचित जरूरी सुविधाएं मुहैया कराईं। भोजन, आश्रय, परिवहन सेवा, मास्क और दूसरी चिकित्सा सुविधाएं भी दी गईं।

उन्होंने कहा कि हमारे दूतावास ने संबंधित सरकारों के साथ संपर्क बनाए रखा तथा सामुदायिक संगठनों के साथ संपर्क साधा। साझेदार देशों की सरकारों के सहयोग के बिना इतनी बड़ी संख्या में लोगों को वापस लाना संभव नहीं होता।

जयशंकर ने कहा कहा कि मोदी सरकार विदेश में रहने वाले लोगों के हितों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है।

First Published on: March 16, 2021 2:42 PM
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