जयशंकर ने क्वाड समूह के आलोचकों पर साधा निशाना, हिन्द प्रशांत की रचना को बताया बेहतरीन


विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को क्वाड समूह के आलोचकों पर निशाना साधते हुए हिन्द प्रशांत रचना को एक बृहद समसामयिक दुनिया को प्रदर्शित करने वाला बताया।


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नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को क्वाड समूह के आलोचकों पर निशाना साधते हुए कहा कि हिन्द प्रशांत रचना एक बृहद समसामयिक दुनिया को प्रदर्शित करती है और यह शीतशुद्ध से उबरने की ओर इंगित करती है, उसे थोपती नहीं है ।

रायसीना वार्ता में फ्रांस एवं आस्ट्रेलिया के अपने समकक्ष के साथ डिजिटल माध्यम से हिस्सा लेते हुए विदेश मंत्री जयशंकर ने क्वाड के संदर्भ में कहा कि ‘एशियाई् नाटो’ जैसे शब्दों का उपयोग करना एक प्रकार का दिमागी खेल है जिसे लोग खेल रहे हैं । उन्होंने कहा, ‘‘ हमारा एक साथ आने का मकसद दरअसल हमारे राष्ट्रीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक फायदे के लिये काम करने के रास्तों की तलाश करना है । ’’

उल्लेखनीय है कि क्वाड समूह में भारत, अमेरिका, जापान और आस्ट्रेलिया शामिल हैं । इस समूह के देशों के नेताओं की पिछले महीने डिजिटल माध्यम से शिखर बैठक हुई थी जिसमें हिन्द प्रशांत क्षेत्र में सहयोग के विविध क्षेत्रों को लेकर चर्चा हुई थी ।

पिछले सप्ताह रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लॉवरोव ने अपनी भारत यात्रा के दौरान दिल्ली में संवाददाता सम्मेलन में ‘एशियाई नाटो’ शब्दावली का उपयोग किया था जिसके बारे में समझा जाता है कि यह क्वाड समूह के संदर्भ में था । रूस क्वाड समूह के खिलाफ मुखर रहा है।

वहीं, विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, ‘‘ मैं इसे ऐसे रखना चाहूंगा कि यह एक तरह से हिन्द प्रशांत इतिहास की ओर फिर से लौटना है । यह अधिक समसायिक दुनिया को प्रदर्शित करता है। यह वास्तव में शीतयुद्ध से उबरने जैसा है और उसे थोपता नहीं है। ’’

यह संयोग ही है कि बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में रूसी राजदूत निकोलाई कुदाशेव ने पश्चिमी देशों की हिन्द प्रशांत रणनीति की आलोचना करते हुए इसे खतरनाक और शीत युद्ध की मानसिकता को उभारने का प्रयास बताया।

उल्लेखनीय है कि बुधवार को जयशंकर के साथ फ्रांस के विदेश मंत्री ज्यां यवेस ले द्रियां और आस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मैरिस पेन ने हिस्सा लिया । इसमें हिन्द प्रशांत क्षेत्र में सहयोग और कोरोना वायरस के प्रतिकूल प्रभावों से निपटने को लेकर चर्चा हुई।

भारत और आस्ट्रेलिया हिन्द प्रशांत क्षेत्र में चतुर्गुट (क्वाड) का हिस्सा हैं। यह समूह हिन्द प्रशांत क्षेत्र को मुक्त एवं समावेशी बनाने के उद्देश्य को लेकर काम करता है । इस समूह में अमेरिका और जापान भी शामिल हैं।

वार्ता के दौरान आस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री मैरिस पेन ने कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ प्रतिक्रिया और सुधार के प्रयासों के बारे में चर्चा की। उन्होंने कहा कि हिन्द प्रशांत क्षेत्र में विकासशील देश महामारी के मद्देनजर आर्थिक मोर्चे सहित अन्य चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।

पेन ने नियम आधारित वैश्विक व्यवस्था, सागर में टिकाऊ व्यवस्था, जलवायु परिवर्तन, सामरिक प्रतिस्पर्धा जैसे विषयों पर विचार व्यक्त किए। उन्होंने म्यामां में एक फरवरी को तख्ता पलट के बाद उत्पन्न स्थिति का जिक्र किया और उस देश में लोकतांत्रिक बदलाव की जरूरत बतायी।

आस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री ने म्यामां की स्थिति को बेहद चुनौतिपूर्ण और भयावह बताया। उन्होंने कहा कि आस्ट्रेलिया आने वाले सप्ताह में आसियान नेताओं की बैठक बुलाने का समर्थन करता है जो उस देश में नागरिकों के खिलाफ सशस्त्र बलों के इस्तेमाल और हिंसा को समाप्त करने पर बल देने से संबंधित हो ।

वहीं, फ्रांस के विदेश मंत्री ज्यां यवेस ले द्रियां ने हिन्द प्रशांत क्षेत्र में तीनों देशों के बीच सहयोग गहरा बनाने के लिये व्यावहारिक रुख अपनाने की जरूरत बतायी । उन्होंने आतंकवाद के वित्त पोषण से निपटने के प्रयासों का भी जिक्र किया ।



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