नई दिल्ली। ‘इससे पहले कि सपने सच हों आपको सपने देखने होंगे’ यह कहना था भारत के मिसाइल मैन और पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का। आज अब्दुल कलाम की 89 वीं जयंती है।
जनता के राष्ट्रपति के रूप में अपनी छवि बनाने वाले कलाम एक महान वैज्ञानिक थे। लेकिन यह जानकर बड़ी हैरानी होगी की प्रसिद्ध वैज्ञानिक के रूप में अब्दुल कलाम जाने तो जाते है लेकिन वह वैज्ञानिक नहीं बनना चाहते थे उन्होंने सपना देखा था पायलट बनने का।
मिसाइलमैन ने अपनी पुस्तक ‘माइ जर्नी : ट्रांसफोर्मिंग ड्रीम्स इन टू एक्शन’ में इस बात का जिक्र किया है कि वे पायलट बनना चाहते थे। लेकिन पायलट बनने से केवल वह एक कदम दूर रह गए थे। अब्दुल कलाम ने अपनी पुस्तक में लिखा है कि मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग करने के बाद वे पायलट बनना चाहते थे।
इंजीनियरिंग करने के बाद उनका सबसे पहला और अहम सपना था कि वह पायलट बनें। उन्होंने दो जगह इंटरव्यू दिए। एक इंडियन एयरफोर्स में देहरादून और दूसरा डायरेक्टरेट ऑफ टेक्निकल डेवलपमेंट एंड प्रोडक्शन (डीटीडीपी), रक्षा मंत्रालय।
डीटीडीपी का इंटरव्यू तो आसान था, लेकिन देहरादून में एयरफोर्स का सेलेक्शन बोर्ड चाहता था कि उम्मीदवार की योग्यता और इंजीनियरिंग की नॉलेज के साथ उसकी पर्सनैलिटी स्मार्ट भी हो।
डॉ. कलाम ने यहां 25 उम्मीदवारों में से नौंवा स्थान हासिल किया, जबकि यहां आठ का ही चयन होना था। अब्दुल कलाम का पायलट बनने का सपना भले ही टूट गया हो लेकिन उनका पूरा जीवन एक प्रेरणा है।
डॉ.अब्दुल कलाम की लोकप्रियता और समाज में उनके योगदान का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि उनके जन्मदिन यानी 15 अक्टूबर को संयुक्त राष्ट्र हर साल विश्व छात्र दिवस के तौर पर मनाता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने भी अब्दुल कलाम के जयंती पर उनको श्रद्धांजलि दी। पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘डॉ. कलाम को उनकी जयंती पर नमन। चाहे वह एक वैज्ञानिक के रूप में हो या फिर राष्ट्रपति के रूप में, देश के विकास में उनके योगदान को भारत कभी भूल नहीं सकता। उनके जीवन का सफर लाखों लोगों को प्रेरणा देता रहेगा।’
Tributes to Dr. Kalam on his Jayanti. India can never forget his indelible contribution towards national development, be it as a scientist and as the President of India. His life journey gives strength to millions. pic.twitter.com/5Evv2NVax9
— Narendra Modi (@narendramodi) October 15, 2020
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने भी पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को याद किया और ‘सपनों को साकार’ करने के उनके कथन का भी स्मरण किया नायडू ने कहा कि वह सादगी और ज्ञान की प्रतिमूर्ति थे।
Dream, Dream, Dream. Dreams transform into thoughts and thoughts result in action. – Dr APJ Abdul Kalam
I pay my humble tributes to the ‘People’s President’, Dr APJ Abdul Kalam on his birth anniversary today. He was an epitome of simplicity & knowledge. #DrAPJAbdulKalam pic.twitter.com/zOCUl78sab
— Vice President of India (@VPSecretariat) October 15, 2020
गृह मंत्री अमित शाह ने भी डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को उनकी जयंती के मौके पर याद किया। अमित शाह ने उन्हें याद करते हुए ट्वीट किया। ट्वीट में शाह ने लिखा, “डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को उनकी जयंती पर याद कर रहा हूं।
एक विज़नरी लीडर और भारत के स्पेस तथा मिसाइल प्रोग्राम को गढ़ने वाले, जो हमेशा एक मजबूत और आत्मनिर्भर भारत बनाना चाहते थे। विज्ञान और शिक्षा के क्षेत्र में उनका योगदान सभी के लिए प्रेरणादायी है।’
Remembering Bharat Ratna Dr. APJ Abdul Kalam on his jayanti. A visionary leader and architect of India’s space & missile programmes, who always wanted to build a strong and self-reliant India. His immortal legacy in the field of science and education is an epitome of inspiration. pic.twitter.com/QzPW7IDMWs
— Amit Shah (@AmitShah) October 15, 2020
अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था। विज्ञान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए डॉ. कलाम को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से नवाजा गया था। डॉ. कलाम भारत के 11वें राष्ट्रपति थे।डॉ कलाम ना केवल वैज्ञानिक थे बल्कि अच्छे लेखक भी थे।