जयंती विशेष : राष्ट्रपिता की 151वीं जयंती पर पीएम समेत पूरे देश ने किया बापू को याद

बबली कुमारी बबली कुमारी
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नई दिल्ली। ‘पाप से घृणा करो पर पापी से नहीं, क्षमादान बहुत मूल्यवान चीज है’ ऐसा कहने वाले और इसी मार्ग पर चलकर अपना सम्पूर्ण जीवन जीने वाले हमारे राष्ट्रपिता का जन्मदिवस है। आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 151वीं जयंती है। हर साल 2 अक्टूबर का दिन गांधी जयंती के रूप में मनाया जाता है। गांधी जी एक महान नेता के साथ-साथ एक समाज सुधारक के रूप में जाने जाते है। उन्होंने ने अपना पूरा जीवन निडर होकर लोगों के अधिकारों और सम्मान के लिए संघर्ष किया। अंग्रेजों से भारत को मुक्त करवाने वाले महात्मा गांधी के विचार आज भी लोगों का पथ प्रदर्शन कर रहे हैं। महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। लोग उन्हें प्यार से बापू कहकर बुलाते हैं । बापू ने हमेशा अहिंसा का मार्ग अपनाया। बापू ने हमेशा सत्य और अहिंसा के सिद्धांत पर चलकर ब्रिटश हुकूमत को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था।

‘अहिंसा’ की जब भी बात आती है, तो सबसे पहले ‘बापू’ का नाम आता है। महात्मा गांधी ने न सिर्फ भारत, बल्कि पूरी दुनिया को अहिंसा के मायने समझाए। बताया कि अहिंसा एक व्यक्तिगत आदत है जिसका अर्थ है किसी भी परिस्थिति में खुद को या दूसरों को क्षति न पहुंचाई जाए।इस अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उनके जन्मदिवस पर उन्हें नमन किया है और देशवासियं को उनके सत्य और अहिंसा के पग पर चलने का दोबारा संकल्प लेने को कहा है। वहीं प्रधानमंत्री ने राजघाट जाकर बापू को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। इस दौरान यहां पर जयंती के अवसर पर भजन का भी आयोजन किया गया।

राष्ट्रपति ने लिखा, गांधी जयंती के दिन, कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धा-सुमन अर्पित करता हूं। सत्य, अहिंसा और प्रेम का उनका संदेश समाज में समरसता और सौहार्द का संचार करके समस्त विश्व के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करता है। वे संपूर्ण मानवता के प्रेरणा-स्रोत बने हुए हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखा, ‘हम गांधी जयंती के मौके पर प्यारे बापू को नमन करते हैं। उनके जीवन और महान विचारों से सीखने के लिए बहुत कुछ है। बापू के आदर्श समृद्ध और करुण भारत बनाने में हमारा मार्गदर्शन करते रहेंगे।’

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बापू को नमन करते हुए कहा, ‘गांधी जी के असाधारण व्यक्तित्व व साधनापूर्ण जीवन ने विश्व को शांति, अहिंसा और सद्भाव का मार्ग दिखाया। स्वदेशी के उपयोग को बढ़ाने के उनके स्वप्न को पूर्ण करने के लिए आज पूरा देश मोदी जी के आत्मनिर्भर भारत के संकल्प के साथ स्वदेशी को अपना रहा है। गांधी जयंती पर उन्हें कोटिशः नमन।’

 

राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने भारत की स्वतंत्रता के लिए लम्बी लड़ाई लड़ी थी। उन्होंने सत्य और अहिंसा के आदर्शों पर चलकर भारत को गुलामी की बेड़ियों से मुक्त कराया था। गांधी जयंती के रूप में उनके जन्मदिन मनाकर देश राष्ट्रपिता को श्रद्धासुमन अर्पित करतें हैं। आज के विद्यार्थियों एवं युवा पीढ़ी बापू के आदर्शों को अपने जीवन में अपनाए तथा देश हित के लिए अपना योगदान दे। इसी उद्देश्य से गांधी जयंती का आयोजन किया जाता हैं। गांधी जयंती को हर भारतवासी उल्लास से मनाया चाहिए।