नई दिल्ली : 15 अगस्त, 1947 को अंग्रेजों ने भारत को स्वाधीन तो कर दिया; पर जाते हुए वे गृहयुद्ध एवं अव्यवस्था के बीज भी बो गये। उन्होंने भारत के 565 से भी अधिक रजवाड़ों को भारत में मिलने या न मिलने की स्वतन्त्रता दे दी। अधिकांश रजवाड़े तो भारत में स्वेच्छा से मिल गये; पर कुछ आँख दिखाने लगे। ऐसे में जिसने इनका दिमाग सीधाकर उन्हें भारत में मिलाया, उन्हें हम लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल के नाम से जानते हैं।
भारत के लौह पुरुष के नाम से प्रसिद्ध सरदार वल्लभभाई पटेल की आज 145 वीं जयंती है। इस दिन को पूरा देश राष्ट्रीय एकता के दिवस में मनाता है। पटेल का जन्म गुजरात के नाडियाड में 31 अक्टूबर, 1875 को हुआ था। भारत को बनाने में इनकी विशेष भूमिका मानी जाती है। सरदार पटेल को भारत की 565 रियासतों का विलय करके अखंड भारत के निर्माण के लिए याद किया जाता है। वह स्वतंत्र भारत के पहले उप प्रधान मंत्री और गृह मंत्री थे। पटेल के राष्ट्र को एकजुट करने के प्रयासों को स्वीकार करने के लिए राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया जाता है।
स्वतन्त्रता के बाद उन्हें उपप्रधानमन्त्री तथा गृहमन्त्री बनाया गया। उन्होंने केन्द्रीय सरकारी पदों पर अभारतीयों की नियुक्ति रोक दी। रेडियो तथा सूचना विभाग का उन्होंने कायाकल्प कर डाला। गृहमन्त्री होने के नाते रजवाड़ों के भारत में विलय का विषय उनके पास था। सभी रियासतें स्वेच्छा से भारत में विलीन हो गयीं; पर जम्मू-कश्मीर, जूनागढ़ तथा हैदराबाद ने टेढ़ा रुख दिखाया। सरदार की प्रेरणा से जूनागढ़ में जन विद्रोह हुआ और वह भारत में मिल गयी। हैदराबाद पर पुलिस कार्यवाही कर उसे भारत में मिला लिया गया।
इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय गुजरात दौरे पर हैं। आज दौरे का दूसरा दिन है। आज पीएम मोदी ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पहुंचकर सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी जयंती पर पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बाद राष्ट्रीय एकता दिवस परेड में हिस्सा लिया। पीएम मोदी ने ने सिविल सर्विसेज प्रोबेशनर्स को संबोधित करते हुए कहा कि देश की सैकड़ों रियासतों को, राजे-रजवाड़ों को एक करके, देश की विविधता को आज़ाद भारत की शक्ति बनाकर सरदार पटेल ने हिंदुस्तान को वर्तमान स्वरूप दिया।
पीएम मोदी ने अपने टि्वट संदेश में कहा, “राष्ट्रीय एकता और अखंडता के अग्रदूत लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी जन्म-जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि।” पीएम मोदी के अलावा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह और दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने भी देश के पहले उप प्रधानमंत्री तथा गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी जयंती पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
राष्ट्रीय एकता और अखंडता के अग्रदूत लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी जन्म-जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि।
Tributes to the great Sardar Patel on his Jayanti.
— Narendra Modi (@narendramodi) October 31, 2020
रामनाथ कोविंद, नायडू ,अमित शाह और बैजल सुबह पटेल चौक स्थित सरदार पटेल की प्रतिमा पर पहुंचे और उनकी 145वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजि अर्पित की। सरदार पटेल की जयंती को देश भर में राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है।
आपको बता दें कि सरदार पटेल के निधन के 41 वर्ष बाद 1991 में भारत के सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान भारतरत्न से उन्हें नवाजा गया। यह अवॉर्ड उनके पौत्र विपिनभाई पटेल ने स्वीकार किया।