मुंबई। मुंबई पुलिस ने इस साल जनवरी में जेएनयू हिंसा के खिलाफ यहां गेटवे ऑफ इंडिया पर हुए प्रदर्शनों के दौरान ‘आजाद कश्मीर’ का पोस्टर लहराने की आरोपी महिला के खिलाफ मामले में यहां एक मेट्रोपोलिटन अदालत में सी-समरी रिपोर्ट दाखिल की है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
पुलिस ‘सी-समरी’ रिपोर्ट उस मामले में जारी करती है जब तथ्यों की चूक की वजह से आपराधिक मामला दर्ज किया जाता है या अपराध दीवानी प्रकृति का होता है।
अधिकारी के मुताबिक, ‘‘कोलाबा थाने में महक मिर्जा प्रभु के खिलाफ दर्ज मामले में सी-समरी रिपोर्ट जमा की गयी है।’’
महक के खिलाफ दक्षिण मुंबई के कोलाबा थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 153 बी के तहत मामला दर्ज किया गया था।
दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में नकाबपोश उपद्रवियों द्वारा किये गये हमले और नागरिकता संशोधन कानून तथा प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक पंजी के खिलाफ सात जनवरी को यहं गेटवे ऑफ इंडिया पर प्रदर्शन के लिए करीब 2,000 लोग जमा हुए थे जिनमें अधिकतर कॉलेज छात्र थे।
इस दौरान ‘आजाद कश्मीर’ (फ्री कश्मीर) लिखे बड़े पोस्टर को लहराती हुई लड़की की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गये थे। बाद में उसकी पहचान महक मिर्जा प्रभु के रूप में हुई थी।
एक अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि संबंधित घटनाक्रम में पुलिस ने गेटवे ऑफ इंडिया पर हुए प्रदर्शनों के सिलसिले में 36 लोगों के खिलाफ सोमवार को आरोपपत्र दायर किया था।
आरोपपत्र में प्रदर्शन में शामिल हुए शहर के कुछ वकीलों और कार्यकर्ताओं के नाम हैं। मामले में अभी तक एक अदालत 29 आरोपियों को जमानत दे चुकी है।