कंगना रनौत ने कहा कि 1947 में मिली आजादी ‘भीख’ थी, असली स्वतंत्रता 2014 में मिली; विवाद छिड़ा

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नई दिल्ली। अभिनेत्री कंगना रनौत ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया कि भारत को ‘असली आजादी’ 2014 में मिली, जब नरेंद्र मोदी सरकार सत्ता में आई, वहीं 1947 में देश को जो स्वतंत्रता मिली थी वह ‘भीख’ में मिली थी।

पहले भी विवादास्पद बयान देती रहीं कंगना अपने नये बयान से एक बार फिर विवाद में पड़ गयी हैं और भारतीय जनता पार्टी के सांसद वरुण गांधी समेत कई नेताओं, सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं एवं अन्य लोगों ने बुधवार शाम को एक कार्यक्रम में दिये गये अभिनेत्री के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।

पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी ने अपने ट्विटर हैंडल पर रनौत के बयान वाला वीडियो क्लिप भी साझा किया। 24 सेकंड के इस क्लिप में रनौत को कहते सुना जा सकता है, ‘ 1947 में आजादी नहीं, बल्कि भीख मिली थी और जो आजादी मिली है वह 2014 में मिली।’

वह एक समाचार चैनल के कार्यक्रम में बोल रही थीं जिसमें उनकी बात पर कुछ श्रोताओं को ताली बजाते भी सुना जा सकता है।

वरुण ने कहा, ‘‘यह राष्ट्र-विरोधी कृत्य है और इसे यही कहा जाना चाहिए। इसे ऐसा नहीं कहना उन लोगों के साथ विश्वासघात होगा जिन्होंने अपना खून बहाया और आज हम एक देश के रूप में तनकर और आजाद खड़े हो सकते हैं।’’

उन्होंने कहा कि लोग कभी हमारे स्वतंत्रता आंदोलन के असंख्य बलिदानों को नहीं भूल सकते जिसमें लाखों लोगों की जान गयी और कई परिवार तबाह हो गये। उन्होंने कहा कि इन शहादतों को इस ‘शर्मनाक तरीके’ से अपमानित करने को केवल लापरवाही वाला या संवेदनाहीन बयान नहीं कहा जा सकता।

कंगना रनौत की आलोचना करते हुए वरुण ने ट्वीट कर कहा, ‘कभी महात्मा गांधी जी के त्याग और तपस्या का अपमान, कभी उनके हत्यारे का सम्मान, और अब शहीद मंगल पाण्डेय से लेकर रानी लक्ष्मीबाई, भगत सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और लाखों स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानियों का तिरस्कार। इस सोच को मैं पागलपन कहूं या फिर देशद्रोह?’

रनौत का ट्विटर एकाउंट निलंबित कर दिया गया है और उन्होंने इंस्टाग्राम पर पलटवार किया।

उन्होंने लिखा, ‘‘मैंने बिल्कुल साफ कहा है कि 1857 की क्रांति, पहला स्वतंत्रता संग्राम थी, जिसे दबा दिया गया और इसके परिणामस्वरूप अंग्रेजों के जुल्म व क्रूरता और बढ़ गए तथा करीब एक शताब्दी बाद हमें गांधी जी के भीख के कटोरे में आजादी दी गई।’

इसी सप्ताह पद्म श्री सम्मान पाने वाली रनौत ने चैनल के कार्यक्रम में अपने बयान में कांग्रेस पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘‘अगर हमें ‘भीख’ की तरह आजादी मिली तो क्या यह आजादी है? कांग्रेस के नाम पर अंग्रेज क्या छोड़ गये…. वे अंग्रेजों का विस्तार थे।’’

कांग्रेस नेता सलमान निजामी ने कहा, ‘‘यह बयान हमारे स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान है जिन्होंने भारत की आजादी के लिए अपनी जान न्योछावर कर दी। कंगना, तुम पर शर्म आती है।’’

एक और पार्टी नेता सलमान सोज ने अपने ट्विटर पोस्ट पर लिखा कि जब रनौत ने कहा कि भारत की वास्तविक आजादी 2014 में मिली, 1947 में नहीं तो कुछ लोगों ने तालियां बजाईं।

कांग्रेस से संबद्ध यास्मीन किदवई ने कहा, ‘‘आज मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती है। उन्होंने भारत की आजादी के लिए पूरी जिंदगी दे दी। वह स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री भी थे। आज राष्ट्रीय शिक्षा दिवस है। आज के ही दिन वॉट्सऐप से शिक्षित जोकर कंगना रनौत से यह सुनना था।’’

शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने रनौत के बयान की तुलना भाजपा की एक कार्यकर्ता से की जिन्होंने हाल में दावा किया था कि भारत को आजादी 99 साल के पट्टे पर मिली है। उन्होंने कहा, ‘‘नयी रुचि पाठक आई हैं। 99 साल के पट्टे पर भीख में मिली आजादी। आका को खुश करने के लिए झांसी की रानी समेत हमारे स्वतंत्रता सेनानियों का खून, पसीना और बलिदान भुला दिया गया। वॉट्सऐप के इतिहास प्रशंसक।’’

आम आदमी पार्टी की प्रीति शर्मा मेनन ने कहा कि उन्होंने कंगना के ‘राजद्रोह वाले और भड़काऊ बयानों’ के लिए मुंबई पुलिस से उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा, ‘‘शांति भंग करने के मकसद से जानबूझकर अपमान।’’ मेनन ने मुंबई के पुलिस आयुक्त और महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक को टैग करते हुए ट्वीट किया, ‘‘उम्मीद है कि कुछ कार्रवाई होगी।’’

रनौत भले ही ट्विटर पर इस समय नहीं हों लेकिन उनका नाम ट्रेंड कर रहा है और इतिहासकार एस इरफान हबीब समेत कई लोग उनके बयान पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं। हबीब ने लिखा, ‘‘बेशर्मी की हद है।’’

अभिनेत्री स्वरा भास्कर ने भी अपने ट्विटर पेज पर कंगना का वीडियो क्लिप साझा किया और उनके बयान पर ताली बजाने वालों पर हैरानी जताई। ‘तनु वेड्स मनु’ श्रृंखला की दोनों फिल्मों में कंगना के साथ काम कर चुकीं लेकिन उनकी आलोचक स्वरा ने लिखा, ‘‘ये कौन बेवकूफ ताली बजा रहे थे, मुझे उनके बारे में जानना है।’’

कुछ लोगों ने कंगना को पद्म श्री सम्मान मिलने पर ही सवाल खड़ा किया है। फिल्मकार ओनिर ने कहा, ‘‘क्या अब से हम नया स्वतंत्रता दिवस मनाएंगे?’’

कंगना का नाम लिये बिना बैडमिंटन खिलाड़ी ज्वाला गुट्टा ने कहा, ‘‘उसे आप क्या कहेंगे जो जब भी मुंह खोले तो जहर उगले।’’ रेडियो जॉकी शाइमा ने कहा, ‘‘वह अच्छी अभिनेत्री हैं लेकिन मैं अब कभी उनकी अदाकारी नहीं देखूंगी।’’

वकील अमन वादुद ने कहा कि यह सोचा-समझा बयान था। उन्होंने कहा, ‘‘संविधान पर हमले के लिए जमीन तैयार की जा रही है। बहुत सोच-समझकर दिया गया बयान। इसे अलग से पढ़ने की भूल मत कीजिए।’’

सोशल मीडिया के एक उपयोगकर्ता ने कहा कि पद्म श्री से सम्मानित अदाकारा द्वारा कही गई ‘‘बेवकूफी भरी बातें हमारे सभी स्वतंत्रता सेनानियों का सीधा अपमान है।’’