केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री और अल्पसंख्यक मंत्री किरेन रिजिजू ने शुक्रवार (1 अगस्त, 2025) को संसद के मानसून सत्र के दौरान विपक्ष की ओर से हंगामा किए जाने को लेकर बयान दिया है। किरेन रिजिजू ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि हमारे संसद के मानसून सत्र को सबने देखा होगा, पहले दिन से ही विपक्षी दलों ने हंगामा करना शुरू किया।
उन्होंने कहा, “विपक्ष की मांग पर ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की गई। तय समय से ज्यादा चर्चा हुई। इस दौरान सभी ने भाग लिया और जब एक मुद्दे पर चर्चा खत्म होती है तो दूसरे मुद्दे पर चर्चा के लिए नोटिस आते हैं, उस पर स्पीकर और चेयरमैन तय करके चर्चा करते हैं। लेकिन इस बार अलग हो रहा है। विपक्ष के लोग सीधे वेल में आ जाते है। नियम के तहत जितनी बोलने की आजादी है वो सबको है। उसके लिए सबको बोलने का मौका मिलेगा।”
केंद्रीय मंत्री ने लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “राहुल गांधी भारत विरोधी भाषा बोलते हैं, उसका विरोध कई विपक्ष के नेता भी कर रहे हैं। भारत की छवि को धूमिल करने का काम राहुल गांधी कर रहे हैं। राहुल गांधी अब छोटे बच्चे नहीं रहे। देश के मान सम्मान का ध्यान सबको रखना चाहिए। विपक्ष के कई नेता भी इसका विरोध कर रहे हैं।”
रिजिजू ने कहा, “संसद न चलने से जनता की आवाज नहीं उठा पा रहे, सांसदों को भी नुकसान हो रहा है। करोड़ों रुपये का खर्चा रोज होता है। स्पीकर ने कहा कि जो रूल में आता है उस पर चर्चा हो सकती है, जो रूल में नहीं आता उस पर चर्चा नहीं हो सकती है। पार्लियामेंट व्यवस्था के तहत मार्शल रहते हैं और उसके साथ ही सुरक्षा की जिम्मेदारी सीआईएसएफ के पास है। चेयरमेन की ओर से प्रबंधन किया गया है, इस बारे में उनसे बात की जाएगी।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे की चिट्ठी को लेकर केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, “अभी मैंने इसकी जानकारी ली है। मार्शल और सीआईएसएफ की सुरक्षा रहती है। ये तो सांसदों ने ही डिमांड की थी कि सुरक्षा मजबूत होनी चाहिए। कई सांसद टेबल पर चढ़ने लगते हैं, कुछ लोग तो टेबल पर नाचने लगते थे। ऐसा ना हो इसका प्रबंधन चेयर ने किया है। लेकिन किसी सांसद को बोलने से नहीं रोका जाएगा।”
वहीं, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने चुनाव आयोग को लेकर दिए बयान पर टिप्पणी करते हुए रिजिजू ने कहा, “राहुल गांधी ने बार-बार संवैधानिक संस्थानों को धमकी दी है। 2014 में हम जीतकर आए तब हमारी सरकार नहीं थी। अब भी कई राज्यों में उनकी सरकार है, कैसे जीतते हैं वो। वो जीते तो सबकुछ चंगा है और हार जाते हैं तो ऐसी बात करते हैं। बार-बार संवैधानिक संस्थानों पर हमले कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “ये बचपना नहीं भारत के लोकतंत्र पर हमला है। वो देश के खिलाफ बोल रहे हैं। कांग्रेस और विपक्ष के भी कई लोग इसके खिलाफ बोलने लगे हैं। संसद की सुरक्षा सरकार और संसदीय कार्य मंत्रालय के पास नहीं, लेकिन इतना जरूर है किसी सांसद के अधिकार का हनन नहीं किया जाएगा। सरकार कोई भी मुद्दा जो नियम के तहत आता है तो चर्चा के लिए तैयार है। बिहार में SIR चुनाव आयोग ने किया है लेकिन उनके एडमिनिस्ट्रेटिव काम पर चर्चा हो सकती है या नहीं ये स्पीकर और चेयरमैन तय करेंगे।”
उन्होंने कहा, “सरकार अपना एजेंडा लेकर आती है। लेकिन विपक्ष सिर्फ एक मुद्दे को लेकर हंगामा करता है। हम दवाब में आकर काम नहीं कर सकते हैं। जिस मुद्दे पर जवाब हम नहीं दे सकते उसका जवाब कौन देगा। इलेक्टोरल रिफॉर्म पर चर्चा हो सकती है लेकिन फंक्शनिंग पर चर्चा नहीं हो सकती है। बलराम जाखड़ ने 1986 में रूलिंग दी थी वो बीजेपी के सदस्य नहीं थे कांग्रेस ने स्पीकर बनाया था।”