लव जिहाद : मियां-बीवी राजी फिर भी नहीं आसान शादी …


लव जिहाद मामले में मियां-बीवी के राजी होते ही सारे काजी अपना काम शुरू कर देते हैं। धर्म के ठेकेदार मियां -बीवी के दरवाजे आकर उनको धर्म-कर्म की पटकथाएं सुनाने में लग जाते हैं साम,दाम ,दण्ड,भेद का खेल शुरू हो जाता है। और प्यार के पींगे पढ़ने वाले जोड़ें घुटने तक टेक देते हैं। आखिर क्या वजह है मियां-वीबी के राजी होने पर भी उनकी शादी का आसान नहीं होना।


बबली कुमारी बबली कुमारी
देश Updated On :

मियां-बीवी राजी फिर क्या करेगा काजी !
यह कहावत हर जगह भले ही सटीक बैठती हो लेकिन जब बात ‘लव जिहाद’ की आती है तो इस कहावत का पूरा अर्थ ही बदल जाता है। लव जिहाद मामले में मियां-बीवी के राजी होते ही सारे काजी अपना काम शुरू कर देते हैं। धर्म के ठेकेदार मियां -बीवी के दरवाजे आकर उनको धर्म-कर्म की पटकथाएं सुनाने में लग जाते हैं साम,दाम ,दण्ड,भेद का खेल शुरू हो जाता है। और प्यार के पींगे पढ़ने वाले जोड़ें घुटने तक टेक देते हैं। आखिर क्या वजह है मियां-वीबी के राजी होने पर भी उनकी शादी का आसान नहीं होना।

कहा जाता है – पहले जिहाद आया। आतंकवादियों का जिहाद, जिसमें मजहब के नाम पर निर्दोष लोगों की जान ली गई। उसके बाद कट्टरवादी मजहबी तत्वों ने हिन्दू आबादी में सक्रिय होकर ‘लव जिहाद’ शुरू किया। ‘लव जिहाद’ यानी जिसमें मुसलमान लड़का अपना मजहब नहीं बदलता बल्कि ‘निकाह’ के लिए हिन्दू लड़की का कन्वर्जन किया जाता है। वैसे प्यार कभी मजहब का मोहताज नहीं होता लेकिन हमारे देश में हमेशा से प्यार के बीच मजहब ने अहम किरदार निभाया है। इस तरह की घटनाएं कई साल से पूरे देश में सुनने में आती रही हैं। लेकिन पिछले कई महीनों से लव जिहाद का मामला बहुत तेजी से देखा जा सकता है। देश के हर कोने से रोज कोई न कोई मामला हमें देखने और सुनने को मिल जा रही है।

अगर हम उत्तर प्रदेश की बात करें तो यूपी में पिछले कुछ वर्षों में लव जिहाद की घटनाओं में तेजी आई है। इधर हाल की बात करें तो गत 5-6 माह में अलग-अलग स्थानों पर ऐसी घटनाओं को अंजाम दिया गया। देखने वाली बात यह है कि सभी अपराधी न सिर्फ एक मजहब से हैं बल्कि हिन्दू लड़कियों को झांसे में लेने का तरीका तकरीबन एक जैसा है। अब इनमें से एक- दो सच्चे और नेक आशिक़ निकल भी जाए तो कौन इनपर भरोसा करें? हाल की घटनाओं का उदहारण दिया जाए तो –

मऊ के चिरैयाकोट पुलिस ने थाने में दर्ज धर्मांतरण के लिए लड़की भगाने के मामले में नामजद 14 आरोपियों में पांच को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों में शबाब उर्फ राहुल खां के बहन, बहनोई, पत्नी, दोस्त और भाई शामिल है। आरोपियों से पूछताछ कर पुलिस ने सभी का चालान कर उन्हें जेल भेजने के लिए कोर्ट रवाना की।

बीते 29 नवंबर की रात शबाब उर्फ राहुल ने बाजार निवासी एक बड़े व्यवसायी की बेटी को अपने प्रेम जाल में फंसाकर भगा ले गया। शबाब के बहकावे में आकर फरार हुई युवती की शादी दो दिन बाद एक दिसंबर को होनी थी। घटना के बाबत युवती के पिता ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। इसमें पिता ने शबाब सहित 14 लोगों को नामजद कर उन पर धर्मांतरण कराने के लिए युवती को बहला फुसलाकर भगाने का आरोप लगाया था।

सभी नामजद आरोपियों में से पांच को चिरैयाकोट पुलिस ने सोमवार रात साढ़े ग्यारह बजे के करीब मऊ गाजीपुर सीमा के गोघवा जलालपुर के पास से दबोचा। गिरफ्तार आरोपियों में शबाब उर्फ राहुल की पत्नी रुखसाना उर्फ मुन्नी, बहन हुस्नबानो, बहनोई नुरुल खां, भाई छिन्टू उर्फ अकबर अली और दोस्त शिवकुमार दास शामिल है। पत्नी ने बताया कि 29 नवंबर की रात उसका पति शबाब युवती को लेकर आया और तुरंत उसे तैयार होकर साथ चलने के लिए कहा। इस दौरान सभी मऊ से चलकर कोलकत्ता निवासी शिवकुमार दास के घर पहुंचकर वहां रुके। फिर वहां से चलकर सभी रसड़ा बलिया आ गए। इस दौरान मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर पुलिस ने सभी को पकड़ने के लिए छापा मारा। इस दौरान आरोपी शबाब लड़की को लेकर भाग गया। जबकि अन्य पांच को पुलिस ने गिरफ्तार किया। कोर्ट ने पुलिस द्वारा पेश किए गए पांचों आरोपियों का रिमांड बनावाकर उन्हें जेल रवाना किया।

वहीं एक और केस मेरठ का है जिसमें 27 साल का एक मुस्लिम व्यक्ति और 24 साल की एक हिंदू महिला प्यार में पड़ गए, दोनों साथ रहने लगे। उनके माता-पिता उनके इस फैसले से राजी नहीं थे। लेकिन वे खिलाफ भी नहीं हैं। महिला, पुरुष का धर्म जानती है। उसने धर्म परिवर्तन भी नहीं किया। लेकिन अब, दक्षिणपंथी समूहों के दबाव में आकर पुलिस ने मुस्लिम युवक को हिरासत में ले लिया है और युवती को शेल्टर होम भेज दिया है।

दोनों ने कहा कि वे एक दूसरे के बारे में सब जानते हैं। युवक ने उससे कुछ भी नहीं छिपाया। पुलिस ने FIR कैसे दर्ज की वे नहीं जानते। मामला उत्तर प्रदेश के मेरठ का है। कंकरखेड़ा एसएचओ तपेश्वर सागर ने बताया कि हमने उसके माता-पिता को फोन किया, जिन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी बेटी का त्याग कर दिया है। उन्होंने युवती और युवक के खिलाफ अपनी तरफ से किसी भी तरह की कार्रवाई से भी इनकाकर किया है।

हाई कोर्ट का यह है आदेश
इलाहाबाद हाई कोर्ट के एक फैसले ने कुछ हफ्ते पहले ही अंतर- धार्मिक विवाह का हवाला देते हुए कहा था कि किसी भी बालिग को अपना जीवनसाथी चुनने का पूरा अधिकार है। उत्तर प्रदेश में धार्मिक अध्यादेश 2020 में गैरकानूनी ढंग से धर्म परिवर्तन, किसी को बरगलाकर धर्म परिवर्तन करवाना, किसी को दबाव में, धोखाधड़ी, अनुचित प्रभाव, ज़बरदस्ती या शादी के लिए धर्म परिवर्तन करवाना भी गैरकानूनी है। लेकिन इस जोड़े के मामले में इनमें से कोई भी कारण लागू नहीं होता है।

मकान मालिक ने की शिकायत
जब उनके मकान मालिक को यूसुफ की धार्मिक पहचान का पता चला, तो उन्होंने बजरंग दल के पूर्व पश्चिम यूपी संयोजक बलराज डूंगर को बताया। डूंगर और दक्षिणपंथी संगठनों के अन्य सदस्यों ने मंगलवार को कार्रवाई की मांग करते हुए कंकरखेड़ा पुलिस स्टेशन में शिकायत की।

‘दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं का अधिकार नहीं’
SHO सागर ने कहा, हमने दक्षिणपंथी समूहों की ओर से एफआईआर दर्ज नहीं की क्योंकि उनका कोई कानूनी अधिकार नहीं बनता था। लेकिन मंगलवार को यूसुफ को पुलिस ने जांच और पूछताछ के लिए पकड़ा। सागर ने अध्यादेश का हवाला देते हुए कहा, ‘अगर महिला के माता-पिता शिकायत दर्ज करते हैं, तो यह निश्चित रूप से नए कानून के तहत अपराध होगा।’

युवती ने कहा, हिंदू धर्म अपनाना चाहता है यूसुफ
डूंगर ने जोर देकर कहा कि एक साजिश चल रही है। उन्होंने कहा कि यह लव जिहाद के अलावा और कुछ नहीं है। लेकिन अंशु ने कहा कि उसे कभी गुमराह नहीं किया गया। उसने कहा, ‘ मैं उसके धर्म के बारे में जानती हूं फिर भी उससे शादी करना चाहती हूं। उसने मुझसे कभी धर्मांतरण करने को नहीं कहा। इसके विपरीत, वह हिंदू धर्म में धर्मांतरण करना चाहता है।’

ऐसे मामलों को देख या पढ़ के यह बात जरूर हमारे मस्तिष्क में आती है जिसमें कहा जाता है प्रेम में जो जैसा हो उसको वैसे अपना बनाया जाता है। जिस प्रेम में एकदूसरे को बदलने की जिद्द हो वह प्यार नहीं सौदे का रूप ले लेता है। जिसमें एक के बाद एक सौदे होते चले जाते हैं। तो यह विषय विचार करने योग्य है की इस प्रेम को क्या नाम दिया जाये।