महाराष्ट्र सरकार कोरोना वायरस संक्रमण के मामले छुपाने की कोशिश कर रही है: भाजपा सांसद


राज्यसभा के सदस्य एवं भाजपा नेता डॉ. भागवत कराड ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि महाराष्ट्र सरकार जिले में कम जांच करके औरंगाबाद में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों की असल तस्वीर छुपाने की कोशिश कर रही है।


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औरंगाबाद/ पणजी/कोलकाता/ नई दिल्ली। राज्यसभा के सदस्य एवं भाजपा नेता डॉ. भागवत कराड ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि महाराष्ट्र सरकार जिले में कम जांच करके औरंगाबाद में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों की असल तस्वीर छुपाने की कोशिश कर रही है।

सांसद ने औरंगाबाद में संक्रमण के बारे में दावा किया कि जिले में जांच क्षमता का पूरा इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘पहले एक व्यक्ति के संक्रमित पाए जाने पर कम से कम 80 से 90 संदिग्ध मरीजों की जांच की जाती थी। इस रणनीति ने औरंगाबाद में कोरोना वायरस मामलों को नियंत्रित करने में मदद की थी।’’

कराड ने आरोप लगाया कि हालांकि जिले में जांच की पर्याप्त सुविधा है, लेकिन उसका पूरा इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि राज्य सरकार औरंगाबाद में कम जांच करके कोरोना वायरस के मामलों की असल संख्या छुपाने की कोशिश कर रही है। भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि जिले की पृथक-वास सुविधाओं का भी पूरी तरह इस्तेमाल नहीं किया गया था।

उन्होंने कहा, ‘‘यदि प्रशासन का दावा है कि जिले में 7,000 से 9,000 लोगों को पृथक-वास केंद्रों में रखा जा सकता है, तो संक्रमित लोगों के संपर्क में आने वाले लोगों को घर में पृथकवास में क्यों रखा गया है?’’ कराड ने कहा कि यदि बिना लक्षण वाले संक्रमित लोगों और संदिग्धों की आक्रामक तरीके से जांच की जाए और उन्हें केंद्रों में पृथक-वास में रखा जाए तो हालात काबू में किए जा सकते हैं। इस बीच पूर्व मंत्री एवं औरंगाबाद से भाजपा विधायक अतुल सावे ने कहा कि शहर के अस्पतालों को कोविड-19 के मरीजों के उपचार के लिए चिह्नित किया जाए।

सावे ने दावा किया कि मौजूदा स्वास्थ्य संकट के बीच औरंगाबाद में चिकित्सकों को दिया जा रहा वेतन मुंबई में उनके समकक्षों को दिए जा रहे वेतन से बहुत कम है। उन्होंने कहा कि पूरे राज्य में चिकित्सकीय पेशेवरों का वेतन समान होना चाहिए, तभी और चिकित्सक इस वैश्विक महामारी के बीच काम करने के इच्छुक होंगे। एक जिला अधिकारी ने बताया कि औरंगाबाद में शुक्रवार सुबह तक कोरोना वायरस संक्रमण के 2,524 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से 1,363 लोग स्वस्थ हो चुके हैं और 128 लोगों की मौत हो चुकी है।

भाजपा नेता ने गोवा में सीरोलॉजी जांच की मांग की

भाजपा नेता उत्पल पर्रिकर ने गोवा में लोगों की सीरोलॉजी जांच कराए जाने की मांग की है ताकि कोरोना वायरस को लेकर राज्य में मौजूद डर को दूर किया जा सके।

गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के बेटे ने बृहस्पतिवार को कहा कि इस प्रकार की जांच से गोवा में कोरोना वायरस संबंधी स्थिति की असल तस्वीर का पता लगाने में मदद मिलेगी। उत्पल पर्रिकर ने ट्वीट किया, ‘‘आईसीएमआर के अनुसार विभिन्न जोन के 15 से 30 प्रतिशत लोगों में एंटीबॉडी विकसित हो गए हैं और वे स्वस्थ हो गए हैं, इसलिए मृत्युदर बहुत कम है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमें गोवा में असल तस्वीर जानने और राज्य में अस्थायी एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) और स्थानीय निकायों के मनमाने फैसलों के कारण लोगों में मौजूद डर को दूर करने के लिए सीरोलॉजी जांच की आवश्यकता है।’’ राज्य को तीन मई को ग्रीन जोन घोषित किया गया था, लेकिन अब यहां कोरोना वायरस के मामले बढ़ रहे हैं। अब तक यहां संक्रमण के 400 से अधिक मामले सामने आए हैं। सीरोलॉजी जांच में रक्त में एंटीबॉडी का पता लगाया जाता है और यह समुदाय की निगरानी के लिए की जाती है।

भारत में पहली बार कोविड-19 के नये मामले 10,000 के पार पहुंचे

देश में पहली बार चौबीस घंटों में कोविड-19 संक्रमण के नये मामले 10,000 के पार पहुंच गए हैं और संक्रमण के कुल मामले 2,97,535 हो गए हैं जबकि एक दिन में कुल संक्रमित लोगों में से सबसे अधिक 396 संक्रमित लोगों की मौत के साथ मृतक संख्या 8,498 हो गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक शुक्रवार सुबह आठ बजे तक पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस संक्रमण के 10,956 नये मामले सामने आए। वर्ल्डोमीटर के मुताबिक कोरोना वायरस के मामलों के लिहाज से बृहस्पतिवार को भारत ब्रिटेन को पीछे छोड़ दुनिया का चौथा सबसे अधिक प्रभावित देश बन गया।

हालांकि लगातार तीसरे रिपीट तीसरे दिन स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या अब भी संक्रमित लोगों की तुलना में अधिक रही। मंत्रालय ने बताया कि अब भी 1,41,842 लोग संक्रमण की चपेट में हैं जबकि 1,47,194 लोग स्वस्थ हुए हैं और एक मरीज विदेश चला गया है। एक अधिकारी ने बताया, “अब तक 49.47 प्रतिशत मरीज स्वस्थ हो चुके हैं।” संक्रमण के कुल मामलों में संक्रमित विदेशी नागरिक भी शामिल हैं।

शवों को कोरोना वायरस के मरीजों का बताने वाला वायरल वीडियो फर्जी

पश्चिम बंगाल में कोविड-19 के कथित मरीजों के क्षत विक्षत शवों को अंतिम संस्कार के लिए कोलकाता के नगर निकाय द्वारा वाहन में रखते हुए दिखाना वाला वीडियो बृहस्पतिवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। परंतु, अधिकारियों ने इस वीडियो को फर्जी बताया।

वीडियो में गरिया इलाके के लोगों का विरोध भी दिखाया गया है जो दावा कर रहे हैं कि ये शव कोरोना वायरस के मरीजों के हैं। यह घटना भी कथित रूप से इसी इलाके की है। यह घटना कथित रूप से इसी इलाके में हुई। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने वीडियो पर चिंता जाहिर की और राज्य के गृह सचिव से घटना के संबंध में एक रिपोर्ट मांगी। पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य विभाग और कोलकाता की पुलिस ने वीडियो को फर्जी बताया है और कहा कि वे एक अस्पताल के मुर्दाघर के लवारिस शव थे। विपक्षी माकपा और भाजपा ने भी सरकार की आलोचना की है और आरोप लगाया है कि वीडियो इस बात का सबूत है कि टीएमसी सरकार कोविड-19 से होने वाली मौतों की सटीक संख्या को छुपा रही है।