पटना। बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में बनी बीजेपी सरकार के सगुन अच्छे नहीं लग रहे हैं। सरकार बनते ही पहले से ही कई अनियमितताओं में नाम आने के बाद भी बनाये गए शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा वहीं अब बिहार के डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद ने अपने शपथ पत्र में दिए गए उम्र के विवरण ने विवाद पैदा कर दिया है।
तारकिशोर प्रसाद ने 2005 में दिए एक हलफनामे में अपनी उम्र का जिक्र 48 साल किया हैं। वहीं उसके पांच साल बाद उम्र को 49 साल दिखाया गया है। मतलब पांच साल के बाद भी उम्र में मात्र एक साल की बढ़ोत्तरी दिखाई गई है। इसके बाद साल 2015 में यानी पांच साल बाद उम्र को मात्र दिन साल बढ़ाया दिखाया गया है और हलफनामे में उम्र वाले कॉलम में उन्होंने अपनी उम्र को मात्र 52 साल बताया है। इसके बाद साल 2020 में यानी पांच साल बाद दिए गए चुनावी हलफनामे में उम्र को 12 साल बढ़ाकर 64 साल दिखाई गई है यानी कि बिहार के डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसार की उम्र अंतिम पांच साल में 12 साल बढ़ गई।
उम्र के हेरफेर के इस मुद्दे को प्रदेश की विपक्षी पार्टियों सहित अन्य लोग फेसबुक,ट्विटर सहित दूसरी अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर खूब शेयर कर रहे हैं और तरह तरह के कमेंट कर रहे हैं।
डिप्टी सीएम की उम्र को लेकर हुए इस खुलास के बाद बिहार की प्रमुख विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने ट्विटर कर तंज कसा है और जनता के काम के लिए कमीशन खाने वाला बताया है।
राजद ने कहा, ” बिहार के उपमुख्यमंत्री अपनी उम्र में ही घोटाला एवं कमीशन के लिए ठेकेदारों को धमकाने और अपने सभी पारिवारिक सदस्यों को ठेकेदार बनाने में भी लिप्त है। पूरा कटिहार जानता है बिना कमीशन के ये क्षेत्र में कोई काम नहीं करते। अब इनके कारनामों से संपूर्ण बिहार परिचित होगा।”
https://twitter.com/RJDforIndia/status/1330001151358451714
गौरतलब है कि साल 2005 में तारकिशोर प्रसाद कटिहार से चुनाव जीतकर पहली बार विधायक बने थे और वह लगातार कटिहार से ही चुनाव लड़ते आ रहे हैं और तारकिशोर प्रसाद वहां से चौथी बार विधायक बने हैं।
बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद की उम्र में की गई इस हेरफेर के बाद सीएम नीतीश कुमार और भारतीय जनता पार्टी विपक्षी दलों के निशाने पर आ गई है और इस मुद्दे पर पार्टी को जवाब देना नहीं बन रहा है।