
नई दिल्ली। राज्य सभा में कृषि सम्बंधित दो बिल पास किये जाने के दौरान विपक्षी दलों द्वारा हंगामा किये जाने को लेकर भाजपा अब हमलावर हो गयी है। इसके साथ ही राज्य सभा के उपसभापति हरिवंश सिंह के खिलाफ कांग्रेस सहित 12 दलों द्वारा अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिए जाने पर भाजपा ने कड़ी प्रतिक्रया दी है।
केंद्र सरकार के कई मंत्री रविवार को राज्य सभा में विपक्षी दलों के सदस्यों के रवैये को लेकर उन पर जमकर बरसे और उनके व्यवहार को शर्मनाक करार दिया तथा संसद के इतिहास में इसे अप्रत्याशित बताया। यहां उल्लेखनीय है कि उच्च सदन में कृषि संबंधी दो विधेयक पारित किये जाने के दौरान काफी हंगामा हुआ था ।
केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, प्रकाश जावड़ेकर, प्रह्लाद जोशी, पीयूष गोयल, थाावरचंद गहलोत और मुख्तार अब्बास नकवी ने संवाददाता सम्मेलन कर विपक्षी दलों के राज्यसभा सदस्यों पर जमकर हमला बोला। इस दौरान सिंह ने कहा कि एक स्वस्थ लोकतंत्र में ऐसे रवैये की उम्मीद नहीं की जा सकती है। राजनाथ सिंह ने किसानों को आश्वस्त किया न्यूनतम समर्थन मूल्य एवं कृषि उत्पाद विपणन समिति में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आयेगी और यह बनी रहेगी।
कहा, ‘मैं किसानों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि न्यूनतम समर्थन मूल्य तथा विपणन समिति जारी रहेगी। इसे किसी भी कीमत पर हटाया नहीं जा सकता है। उन्होंने कहा कि विपक्षी सदस्यों ने आसन पर मौजूद राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश के डेस्क पर रखी नियमावली एवं दस्तावेज फाड़ दिये और आसन के समीप चले गये। जो कुछ हुआ, वैसा उन्होंने कभी नहीं देखा था। उन्होंने पूछा कि अगर विपक्षी नेता सभापति के निर्णय से आश्वस्त नहीं होते हैं तो क्या यह उन पर हमला करने और हिंसा करने की अनुमति देता है। भाजपा की सहयोगी शिरोमणि अकाली दल की मंत्री हरसिमरत कौर के इस्तीफे के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा कि कुछ निर्णयों के पीछे कुछ राजनीतिक कारण होते हैं।