मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को कहा कि मुद्रास्फीति में गिरावट का रुख है और केंद्रीय बैंक का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में मुद्रास्फीति दर घटकर उसके चार प्रतिशत के लक्ष्य से नीचे आ जायेगी। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति अपने जनवरी 2020 के शीर्ष स्तर से 1.70 प्रतिशत तक नीचे आ गई है।
दास ने शुक्रवार सुबह एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में कहा,‘‘आने वाले समय में आपूर्ति पक्ष के अवरोधों के बावजूद मुद्रास्फीति और भी घट सकती है और 2020-21 की दूसरी छमाही तक यह चार प्रतिशत के उसके लक्ष्य से भी नीचे जा सकती है।’’ उन्होंने कहा कि ऐसे परिदृश्य में कोविड-19 द्वारा वृद्धि और वित्तीय स्थिरता के सामने पेश किए गए जोखिमों का मुकाबला करने के लिए नीतिगत गुंजाइश बनी रहेगी। खाद्य पदार्थों के दाम में गिरावट के चलते खुदरा महंगाई दर मार्च में घटकर चार महीने के निचले स्तर 5.91 प्रतिशत पर आ गई।
रुपये में डॉलर के मुकाबले 45 पैसे का उछाल
भारतीय रुपया शुक्रवार को दिन के कारोबार के दौरान अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 45 पैसे की जोरदार बढ़त के साथ 76.42 रुपये प्रति डालर पर पहुंच गया। अर्थव्यवस्था में नकदी की उपलब्धता बढ़ाने के लिये शुक्रवार को रिजर्व बैंक की घोषणाओं के बाद रुपये में यह मजबूती दिखी है। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को बैंकों की रिवर्स रेपो दर में 0.25 प्रतिशत कटौती के अलावा राज्यों को अतिरिक्त नकदी उपलब्ध कराने सहित कई उपायों की घोषणा की।
विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि घरेलू शेयर बाजार में सकारात्मक शुरुआत और विदेश में अमेरिकी मुद्रा के कमजोर होने से रुपये को समर्थन मिला। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया 76.59 पर खुला और फिर आगे डॉलर के मुकाबले बढ़त दर्शाता हुआ 76.42 के स्तर पर पहुंच गया, जो उसके पिछले बंद भाव के मुकाबले 45 पैसे ऊपर है। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया अब तक के सबसे निचले स्तर 76.87 रुपये प्रति डालर पर आ गया था।
इस बीच घरेलू पूंजी बाजार में विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) शुद्ध विक्रेता बने रहे और शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक उन्होंने गुरुवार को सकल आधार पर 2,920.36 करोड़ रुपये के इक्विटी शेयरों की बिकवाली की।