मोदी ने ‘आज़ाद’ को सच्चा दोस्त बताया तो गुलाब नबी बोले- मुझे हिन्दुस्तानी मुस्लिम होने पर गर्व !

उच्च सदन यानि राज्य सभा से कांग्रेस के दिग्गज नेता गुलाम नबी आज़ाद सहित चार सांसदों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। इस दौरान कुछ ऐसे भी पल आए जिन्हें हमेशा याद किया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने गुलाम नबी आज़ाद को अपना सच्चा दोस्त बताया और भावुक हो गए।

नई दिल्ली। आज संसद के उच्च सदन यानि राज्य सभा से कांग्रेस के दिग्गज नेता गुलाम नबी आज़ाद सहित चार सांसदों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। इस दौरान कुछ ऐसे भी पल आए जिन्हें हमेशा याद किया जाएगा। राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर किसान करीब 79 दिन से नए कृषि आंदोलन को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। राज्य सभा में कुछ पल के लिए पीएम नरेंद्र मोदी भावुक हो गए तो कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद ने अपने विदाई भाषण में कहा कि वे हिन्दुस्तानी मुस्लिम होने पर गर्व महसूस करते हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने गुलाम नबी आज़ाद को अपना सच्चा दोस्त बताया और भावुक हो गए। आज़ाद ने अपने विदाई भाषण में राजस सभा में कहा कि “मैं उन सौभाग्यशाली लोगों में से हूं, जो कभी पाकिस्तान नहीं गए। जब मैं पाकिस्तान में परिस्थितियों के बारे में पढ़ता हूं, तो मुझे एक हिंदुस्तानी मुस्लिम होने पर गर्व महसूस होता है।”

इस दौरान आज़ाद ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का भी जिक्र किया और कई ऐसे उदाहरण सरकार के सामने पेश किए जहां किसानों के आगे सरकार को झुकना पड़ा। कांग्रेस नेता आज़ाद ने अपने भाषण में किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत के आंदोलन का जिक्र किया और कहा कि उस समय राजीव गांधी की सरकार थी। कहा कि सरकार किसानों की दिक्कतों को लेकर नरम रुख अख्तियार करे।

रुक नहीं रहे थे आज़ाद की आंखों से आंसू
राज्य सभा में अपने छोटे से भाषण में पीएम मोदी ने एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि ‘गुलाम नबी जी जब मुख्यमंत्री थे, तो मैं भी एक राज्य का मुख्यमंत्री था। हमारी बहुत गहरी निकटता रही। एक बार गुजरात के कुछ यात्रियों पर आतंकवादियों ने हमला कर दिया, 8 लोग उसमें मारे गए। सबसे पहले गुलाम नबी जी का मुझे फोन आया। उनके आंसू रुक नहीं रहे थे। उस समय प्रणव मुखर्जी जी रक्षा मंत्री थे। मैंने उनसे कहा कि अगर मृतक शरीरों को लाने के लिए सेना का हवाई जहाज मिल जाए तो उन्होंने कहा कि चिंता मत करिए, मैं करता हूं व्यवस्था।

पीएम नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद को सच्चा दोस्त बताते हुए कहा, ‘मुझे चिंता इस बात की है कि गुलाम नबी जी के बाद जो भी इस पद को संभालेंगे, उनको गुलाम नबी जी से मैच करने में बहुत दिक्कत पड़ेगी। गुलाम नबी जी अपने दल की चिंता करते थे, लेकिन देश और सदन की भी उतनी ही चिंता करते थे। ये छोटी बात नहीं बहुत बड़ी बात है। विपक्ष का नेता होने का मोह किसी को भी हो सकता है। गुलाम नबी जी ने बखूबी इस काम को निभाया है।

First Published on: February 9, 2021 1:20 PM
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