
नई दिल्ली। सात साल पहले 26 मई 2014 में नरेंद्र मोदी ने देश के 15वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी। पांच साल कार्यकाल पूरा करने के बाद 2019 में नरेन्द्र मोदी ने लगातार दूसरी बार देश के प्रधानमंत्री का पद संभाला था। आज मोदी सरकार के सात साल पूरे हो रहे हैं, वहीं दूसरी ओर तीनों कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के आंदोलन को 6 महीने पूरे हो गए।
कृषि कानून वापस नहीं होने तक किसानों ने आंदोलन जारी रखने का फैसला किया है। इन कृषि कानूनों के विरोध में पंजाब, यूपी और हरियाणा समेत कई अन्य राज्यों के किसानों का धरना प्रदर्शन बुधवार को 6 महीने पूरे कर गया। इस बीच किसान आंदोलन के छह माह पूरे होने पर किसान बुधवार को काला दिवस मना रहे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से आंदोलन के 6 महीने पूरे होने पर बुधवार को सभी किसानों से अपने घरों व वाहनों पर काले झंडे लगाने की अपील की गई है।
इसके तहत देशभर के सभी धरनास्थलों पर किसान प्रदर्शनकारियों को काली पगड़ी व चुनरी पहनी जाएगी। आंदोलन के बाबत संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं की मानें को उन्हें मांग मनवाने के लिए सरकार पर दबाव बनाना जरूरी है। वहीं, प्रदर्शन पर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत का कहना है कि बुधवार को काला दिवस मनाने के लिए अधिक संख्या में किसान बॉर्डर पर पहुंच गए हैं।
किसान कह रहे हैं कि हम भी तिरंगा लेकर चल रहे हैं। अब 6 महीने हो गए हैं, लेकिन सरकार हमारी नहीं सुन रही है। इसलिए किसान काले झंडे लगा रहे हैं। प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से किया जाएगा। हम COVID प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं। यहां कोई नहीं आ रहा है। लोग जहां हैं वहां झंडा फहरा रहे हैं। ट्विटर पर #Black_Day_Of_Farmers और #NationalBlackDay नाम से ट्रेंड कर रहे हैं।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत पहले ही बयान दे चुके हैं कि बुधवार को केंद्र सरकार का पुतला जलाया जाएगा। इसके अलावा ट्रैक्टर व घरों पर काला झंडा लगाया जाएगा। ये सुबह 9-10 बजे से शुरू हो गया है। राकेश टिकैत के एलान के मुताबिक, हम सिर्फ काले झंडे लगाएंगे।
कोई भीड़-भाड़ या जनसभा नहीं होगी। कोई दिल्ली नहीं जा रहा है। लोग जहां भी होंगे वहीं झंडे लगाएंगे। अब 6 महीने हो गए हैं, सरकार ने काला कानून वापस नहीं लिया है, इसलिए किसान ब्लैक डे मना रहे हैं। दिल्ली बॉर्डर पर किसानों की मौजूदगी को देखते हुए सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं। पुलिस और अर्द्धसैनिक बल दिल्ली की सभी सीमाओं पर तैनात किए गए हैं।