ड्रग तस्करी के दोषियों को 20 साल की सजा

एनडीपीएस अदालत ने अक्टूबर 2017 में आठ पाकिस्तानी नागरिकों की जमानत याचिका खारिज कर दी थी क्योंकि उनके पास से भारी मात्रा में नशीले पदार्थ बरामद हुए थे जो तस्करी के मामले में गंभीर अपराध को दर्शाता था।

गुजरात के तट पर 2015 में पकड़ी गई एक नाव में 232 किलोग्राम हेरोइन रखने और उसे परिवहन करने के मामले में एक विशेष एनडीपीएस अदालत ने आठ पाकिस्तानी नागरिकों को 20 साल की सजा सुनाई। ये मामला काफी गंभीर था, क्योंकि ये ड्रग तस्करी के एक बड़े नेटवर्क से जुड़ा हुआ था। अदालत ने सभी दोषियों पर 2 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया जो इस अपराध की गंभीरता को दर्शाता है। ये फैसला बुधवार (1 जनवरी) को विशेष न्यायाधीश शशिकांत ई। बांगर ने सुनाया। हालांकि विस्तृत आदेश अभी तक उपलब्ध नहीं कराया गया है, लेकिन इस फैसले को ड्रग तस्करी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के रूप में देखा जा रहा है।

भारत के कोस्ट गार्ड ने 2015 में गुजरात तट से एक नाव पकड़ी थी जिसमें 232 किलोग्राम हेरोइन लाई जा रही थी। जानकारी के मुताबिक इस नाव में कुल आठ पाकिस्तानी नागरिक सवार थे। प्रॉसिक्यूशन ने बताया कि नाव में 11 ड्रम थे जिनमें 20 प्लास्टिक पाउच मिले। इसके अंदर गेहुंआ ब्राउन रंग का पाउडर था। जांच के बाद ये पुष्टि हुई कि ये पाउडर हेरोइन था। इसके अलावा नाव से तीन सैटेलाइट फोन, जीपीएस नेविगेशन चार्ट और बाकी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी बरामद हुए थे।

एनडीपीएस अदालत ने अक्टूबर 2017 में आठ पाकिस्तानी नागरिकों की जमानत याचिका खारिज कर दी थी क्योंकि उनके पास से भारी मात्रा में नशीले पदार्थ बरामद हुए थे जो तस्करी के मामले में गंभीर अपराध को दर्शाता था। प्रॉसिक्यूशन ने अदालत से इन दोषियों को अधिकतम सजा देने की मांग की थी ताकि ये मामला बाकी ड्रग तस्करों के लिए एक उदाहरण बने और ऐसे अपराधों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का संदेश दिया जा सके। अदालत ने सभी दोषियों को 20 साल की सजा सुनाई जो तस्करी के मामलों में न्याय व्यवस्था की ओर से दिए गए कड़े संदेश के रूप में देखा जा रहा है।

First Published on: January 2, 2025 12:54 PM
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