निशंक ने कहा : फरवरी तक नहीं होंगी बोर्ड परीक्षाएं,अप्रैल में परीक्षा कराने की संभावना पर चल रहा विचार-विमर्श

वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय किया गया है कि जनवरी-फरवरी में बोर्ड परीक्षाएं नहीं होंगी। फरवरी माह तक इसे कराना संभव नहीं होगा। फरवरी के बाद परीक्षाएं कब कराई जा सकती है, इस पर विचार विमर्श करेंगे और आगे जल्द जानकारी दी जायेगी।

नई दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने मंगलवार को कहा कि कोविड-19 की स्थिति को देखते हुए 10वीं एवं 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं अगले वर्ष फरवरी तक नहीं होंगी और फरवरी के बाद परीक्षाएं कब कराईं जायेंगी, इस पर विचार विमर्श कर जल्द जानकारी दी जायेगी। आमतौर पर बोर्ड परीक्षा के तहत ‘प्रैक्टिकल’ परीक्षा जनवरी में ली जाती रही है और ‘थ्योरी’ परीक्षा प्रत्येक वर्ष फरवरी में शुरू होकर मार्च में समाप्त होती है।

बोर्ड परीक्षा के आयोजन के बारे में डिजिटल माध्यम से शिक्षकों के साथ संवाद करते हुए निशंक ने कहा कि जनवरी- फरवरी माह तक बोर्ड परीक्षा कराना संभव नहीं होगा। फरवरी के बाद परीक्षाएं कब कराईं जा सकती हैं, इस पर विभिन्न पक्षकार विचार विशर्म करेंगे और आगे सूचना दी जाएगी।

डिजिटल संवाद के दौरान एक शिक्षिका ने पूछा था कि क्या बोर्ड परीक्षा का स्थगन संभव है ? क्या इसमें तीन माह की देरी हो सकती है ? इसके जवाब में शिक्षा मंत्री निशंक ने कहा कि मोदी सरकार छात्रों के साथ है और हम लगातार छात्रों के साथ बात कर रहे हैं।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘ वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय किया गया है कि जनवरी-फरवरी में बोर्ड परीक्षाएं नहीं होंगी। फरवरी माह तक इसे कराना संभव नहीं होगा। फरवरी के बाद परीक्षाएं कब कराई जा सकती है, इस पर विचार विमर्श करेंगे और आगे जल्द जानकारी दी जायेगी।’’

निशंक ने कहा कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड 2021 में बोर्ड परीक्षा के आयोजन को लेकर तैयारी कर रहा है और स्थिति की समीक्ष करने और विभिन्न पक्षकारों के साथ चर्चा करने के बाद परीक्षा के कार्यक्रम पर फैसला किया जायेगा।

गौरतलब है कि बोर्ड परीक्षा के आयोजन की तिथियों के बारे में स्थिति स्पष्ट नहीं होने के कारण काफी स्कूलों ने प्री बोर्ड परीक्षा आनलाइन माध्यम से ली है ताकि छात्रों को तैयार रखा जा सके।

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने इस महीने के प्रारंभ में कहा था कि बोर्ड परीक्षा 2021 लिखित प्रारूप में होगी और आनलाइन माध्यम से नहीं। कोविड-19 महामारी के कारण देशभर के स्कूल मार्च से ही बंद हैं । कुछ राज्यों में 15 अक्तूबर के बाद इन्हें आंशिक रूप से खोला गया है।

बहरहाल, निशंक ने कहा कि हमने कोरोना काल में जेईई मेन और नीट जैसी बड़ी परीक्षाएं कराईं और बिहार चुनाव में इन परीक्षाओं का उदाहरण लिया गया। हम नहीं चाहते कि छात्रों पर कोविड डिग्रीधारी का ठप्पा लगे और यह भी नहीं चाहते कि कोई यह कहे कि कोविड के समय डिग्री मिली, इसलिये आवेदन न करें।

उन्होंने कहा कि कोरोना काल में बिहार चुनाव के संदर्भ में चुनाव आयुक्त ने कहा था कि जेईई, नीट के मानकों का पालन करते हुए हम चुनाव करायेंगे और यह सफल चुनाव रहा था ।

एक शिक्षक ने पूछा कि जब आनलाइन पढ़ाई करायी जा सकती है तब आनलाइन परीक्षा क्यों नहीं ली जा सकती, इस पर निशंक ने कहा कि अभी भी कुछ संख्या में छात्रों को शिक्षा तक एक समान पहुंच उपलब्ध नहीं है, ऐसे छात्रों के लिये लैपटाप और स्थिर इंटरनेट उपलब्ध कराना होगा और ऐसे में इस तरीके से परीक्षा लेना उचित नहीं होगा।

निशंक ने कहा कि साल 2021 से जेईई मेंस परीक्षा साल में चार बार बार आयोजित होगी और यह फरवरी, मार्च, अप्रैल और मई में होगी। जेईई मेंस का पहला प्रारूप 23 से 26 फरवरी तक आयोजित होगा।

शिक्षकों के प्रशिक्षण से जुड़े एक सवाल के जवाब में केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि मंत्रालय ने निष्ठा कार्यक्रम के जरिये शिक्षकों के प्रशिक्षण का कार्यक्रम शुरू किया है। सीबीएसई ने अप्रैल से अगस्त के बीच करीब 4 लाख 80 हजार शिक्षकों को ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया है, वहीं केवीएस ने 15 हजार शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जबकि जवाहर नवोदय विद्यालय ने 9 हजार शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया है।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य को सही रखने के लिए शिक्षा मंत्रालय ने काफी काम किया है। इसके लिए मंत्रालय ने फिट इंडिया मूवमेंट, ऑनलाइन योग सत्र, ऑनलाइन कार्यक्रमों सहित तमाम कार्यो को शामिल किया गया है। इसी सिलसिले में ‘मनोदर्पण’ कार्यक्रम शुरू किया गया है जिसके तहत चिकित्सक सुझाव देने के लिये उपलब्ध रहते हैं।

शिक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि दुनिया के हम पहले देश होंगे जो कि स्कूली शिक्षा के स्तर पर ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की शुरूआत होगी। यह नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत किया जा रहा है।

व्यावसायिक शिक्षा के बारे में शिक्षा मंत्री ने कहा वर्तमान में हजारों सीबीएसई स्कूलों में 6 ठीं कक्षा से व्यासायिक शिक्षा दी जा रही है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी इस चीज को महत्त्व दिया जा रहा है । सिर्फ किताबी नहीं बल्कि व्यवहारकि ज्ञान पर जोर दिया जाना चाहिए।

First Published on: December 23, 2020 8:13 AM
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