गाजियाबाद। गणतंत्र दिवस पर किसानों के ट्रैक्टर परेड के दौरान भड़की हिंसा और प्रदर्शकारियों के उपद्रव के बाद भले ही कुछ किसान संगठन कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलन से खुद को अलग कर लिए हों लेकिन, बीकेयू नेता राकेश टिकैत की भावुक अपील के बाद ये आंदोलन फिर से रंग में आता नजर आ रहा है। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद को दिल्ली से जोड़ने वाले दिल्ली-मेरठ राजमार्ग पर गाजीपुर के पास प्रदर्शन कर रहे किसानों की संख्या शनिवार को और अधिक ग्रामीणों के पहुंचने से बढ़ गई।
हालांकि राकेश टिकैत के भाई नरेश टिकैत ने ये जरूर कहा था कि गाज़ीपुर बॉर्डर पर चल रहा आंदोलन भी जलग ही समाप्त हो जाएगा लेकिन अब यहां किसानों की संख्या बढ़ने से आंदोलन और तेज हो गया है। यहां ये बात भी जान लेनी जरूरी है कि धरना समाप्त करने के लिए मान चुके राकेश टिकैत को आखिर भावुक अपील क्यों करनी पड़ी। सब कुछ गाज़ियाबाद प्रशासन के अनुसार चल रहा था।

दरअसल, गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में हुई हिंसा के बाद राकेश टिकैत भी आंदोलन समाप्त करने की दिशा में चल रहे थे और वे इस बात पर सहमत भी हो गए थे तभी मंच से ये अफवाह फैली कि राकेश टिकैत को गिरफ्तार किया जा सकता है, जबकि जिला और पुलिस प्रशासन से राकेश टिकैत की बात हो चुकी थी। शायद इसीलिए टिकैत को ये लगा कि उनके साथ धोखा हुआ है और वे रो पड़े।
राकेश टिकैत के रोने और भावुक अपील के बाद एक तरह से मंद होने की कगार पर पहुंच चुके इस किसान आंदोलन में नई जान और ऊर्जा मिल गई। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेतृत्व में हो रहे प्रदर्शन में बृहस्पतिवार को प्रदर्शनकारियों की संख्या कम हो गई थी लेकिन मुजफ्फरनगर में किसानों की महापंचायत के बाद बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन में शामिल होने पहुंचे हैं। हरियाणा और राजस्थान के जिलों के किसान भी यहां पहुंचे हैं।
भाकियू के मेरठ क्षेत्र के अध्यक्ष पवन खटाना का कहना है कि आंदोलन मजबूत था और अब भी है। भाकियू नेता राकेश टिकैत के साथ प्रदर्शन स्थल पर मौजूद खटाना ने कहा, यह राजनीतिक प्रदर्शन नहीं है। जो भी भाकियू एवं राकेश टिकैत की विचारधारा का समर्थन करता है, उसका स्वागत है लेकिन हमारी अपील है कि जो अंत तक हमारे आंदोलन को समर्थन देने को इच्छुक नहीं हैं, वे इसे बीच में छोड़ने के लिए नहीं आएं।
किसान नेता ने कहा, किसान आ रहे हैं और एकजुटता प्रकट कर वापस जा रहे हैं। यह स्थिर भीड़ नहीं है। भाकियू पदाधिकारियों का आकलन है कि शुक्रवार रात गाजीपुर प्रदर्शन स्थल पर करीब 10 हजार प्रदर्शनकारी मौजूद थे जबकि गाजियाबाद पुलिस के मुताबिक यह संख्या पांच से छह हजार के बीच थी। प्रदर्शन स्थल पर पीएसी, आरएफ, दंगा रोधी एवं सामान्य पुलिस की भारी तैनाती की गई है।









