पहलगाम आतंकी हमले में जान गंवाने वाले विनय नरवाल की पत्नी ने हाल ही में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर जो बयान दिया, दिग्विजय सिंह ने उसका स्वागत किया। हिमांशी ने कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर इस बात का संदेश देता है कि देश में नफरत और आतंकवाद बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने सरकार से अपील की थी कि इस अभियान को यहीं न रोकें, बल्कि इसे आतंकवाद को खत्म करने की शुरुआत बनाएं।
दिग्विजय सिंह ने हिमांशी नरवाल का यह वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर लिखा, “हिमांशी, तुम्हारे इस परिपक्व वक्तव्य के लिए बहुत धन्यवाद। हम सब सबसे पहले भारतीय हैं। हम सब एक हैं। भारत माता की जय। भारतीय सेना के शौर्य को वंदन।”
दरअसल, शादी के कुछ दिन बाद ही हरियाणा के करनाल से पहलगाम गए नौसेना के जवान विनय नरवाल को उनकी पत्नी हिमांशी के सामने आतंकियों ने गोली मार दी थी। 22 अप्रैल को हुए इस कायरतापूर्ण आतंकवादी हमले का बदला हमारी भारतीय सेना ने पाकिस्तान से लिया।
7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारत की जल, थल और वायु सेना ने पाकिस्तान और पीओके के 9 आतंकवादी ठिकानों पर मिसाइल दागीं और आतंकियों के ट्रेनिंग कैंप को ध्वस्त कर दिया था। इसके बाद विनय नरवाल की विधवा हिमांशी ने सरकार और भारतीय सेना का धन्यवाद किया था।
हिमांशी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से बातचीत में कहा था, ”मैं यही कहना चाहूंगी कि मेरे पति विनय नरवाल सेना में थे। जब उन्होंने फोर्स जॉइन की, वह केवल यह चाहते थे कि इस देश में एकता और शांति की रक्षा कर सकें।वह यह चाहते थे कि इस देश के मासूम लोगों की जान की रक्षा कर सकें। वह यह चाहते थे कि नफरत और आतंकवाद से इस देश की रक्षा कर सकें।ऑपरेशन सिंदूर इस बात का संदेश देता है कि देश में नफरत और आतंकवाद बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
वहीं, उन्होंने आगे कहा था, ”मैं भारत सरकार और सेना का धन्यवाद करती हूं कि उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया, लेकिन मैं यह अपील करना चाहूंगी कि इस अभियान को यहीं न रोकें। यह अभियान देश में आतंकवाद के खात्मे की शुरुआत बने, ताकि कोई महिला को ऐसे वक्त से न गुजरना पड़े जिससे मैं गुजर रही हूं।”