नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एनटीपीसी को अपने अक्षय ऊर्जा कारोबार के लिए पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी के गठन के लिए नीति आयोग और निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) की मंजूरी मिल गई है। अब एनटीपीसी अपने अक्षय ऊर्जा कारोबार के लिए अलग इकाई का गठन कर सकेगी। कंपनी के पास ऐसी इकाई की स्थापना के लिए अन्य आवश्यक मंजूरियां पहले से हैं।
बिजली क्षेत्र की दिग्गज कंपनी ने बीएसई को भेजी सूचना में कहा, ‘‘अक्षय ऊर्जा कारोबार के लिए पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी की स्थापना को नीति आयोग तथा वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले विभाग ‘दीपम’ की मंजूरी मिल गई है। पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी का गठन कंपनी कानून, 2013 के तहत किया जाएगा। यह घटनाक्रम इस दृष्टि से महत्वपूर्ण है कि एनटीपीसी ने 2032 तक अपने कुल उत्पादन में से 30 प्रतिशत या 39 गीगावॉट बिजली का उत्पादन अक्षय ऊर्जा स्रोतों से करने का लक्ष्य रखा है।
यह देश के 2022 तक 175 गीगावॉट स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन के लक्ष्य के भी अनुरूप है। एनटीपीसी का 2022 तक 10 गीगावॉट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य है। इस पर करीब 50,000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। चूंकि अब एनटीपीसी के लिए अक्षय ऊर्जा कारोबार को अलग इकाई की स्थापना का रास्ता साफ हो गया है, ऐसे में उसके लिए स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन के लक्ष्य को हासिल करना आसान हो जाएगा। एनटीपीसी ने 2032 तक 130 गीगावॉट की कंपनी बनने का लक्ष्य रखा है। इसमें विभिन्न स्रोतों से बिजली उत्पादन शामिल होगा। इसके साथ ही एनटीपीसी का 600 अरब यूनिट सालाना का बिजली उत्पादन कंपनी बनने का भी लक्ष्य है। एनटीपीसी का 2032 तक 30 गीगावॉट सौर ऊर्जा तथा दो गीगावॉट की बिजली उत्पादन क्षमता अन्य स्रोतों से हासिल करने का लक्ष्य है। इसके अलावा कंपनी का 5 गीगावॉट पनबिजली और दो गीगावॉट का परमाणु ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य है। इस तरह कंपनी की स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन क्षमता 39 गीगावॉट तक पहुंच जायेगी।