ओबीसी आयोग का कार्यकाल छह महीने बढ़ा

ओबीसी आयोग का कहना था कि उसे अपनी रिपोर्ट जमा करने के लिए कुछ और समय की आवश्यकता है क्योंकि ओबीसी की वर्तमान केन्द्रीय सूची में दिख रहे दोहराव,अस्पष्टताओं, विसंगतियों और अन्य गलतियों को दूर किए जाने की जरूरत है।

नई दिल्ली। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आयोग का कार्यकाल छह महीने के लिए बढ़ा दिया क्योंकि इसका कामकाज कोरोना वायरस लॉकडाउन के कारण प्रभावित हुआ था। न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) जी. रोहिणी की अध्यक्षता वाले आयोग का अक्टूबर, 2017 में गठन किया गया था। आयोग ने ओबीसी का उप-श्रेणीकरण करने वाले सभी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों से संवाद किया है।

आयोग का कहना था कि उसे अपनी रिपोर्ट जमा करने के लिए कुछ और समय की आवश्यकता है क्योंकि ओबीसी की वर्तमान केन्द्रीय सूची में दिख रहे दोहराव, अस्पष्टताओं, विसंगतियों और अन्य गलतियों को दूर किए जाने की जरूरत है।

इसके मद्देनजर आयोग ने अपने कार्यकाल को इस साल 31 जुलाई तक बढ़ाने की मांग की थी। लेकिन कोविड-19 महामारी के चलते देश भर में लागू लॉकडाउन और यात्रा पर रोक के चलते आयोग मिले समय में अपना काम पूरा नहीं कर सका। इसलिए आयोग का कार्यकाल छह महीने यानी 31 जनवरी 2021 तक बढ़ाया जा रहा है।

 इसमें कहा गया है कि इससे ओबीसी सूची में शामिल उन समुदायों को फायदा होगा जिन्हें केन्द्र सरकार की नौकरियों और केन्द्रीय शिक्षण संस्थानों में प्रवेश में बहुत फायदा नहीं हुआ है।

First Published on: June 24, 2020 5:30 PM
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