
श्रीनगर . नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को मांग
की कि पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को रिहा किया जाए। उन्होंने कहा कि मुफ्ती
को हिरासत में रखते हुए उनके आवास में स्थानांतरित करना उनको आजाद करने की जिम्मेदारी
से बचना है।
जन सुरक्षा
कानून (पीएसए) के तहत हिरासत में ली गईं जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा
मुफ्ती को मंगलवार को अस्थायी जेल से यहां गुपकर रोड स्थित उनके ‘फेयरव्यू’ आवास में स्थानांतरित कर दिया गया।
उमर ने
ट्वीट कर कहा कि महबूबा मुफ्ती को रिहा किया जाना चाहिए। उनकी हिरासत बरकरार रखते
हुए उन्हें उनके घर में स्थानांतरित करना बस उनको रिहा करने से बचना है।
जम्मू-कश्मीर
पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (जेकेपीसी) के मुख्य प्रवक्ता जुनैद आजिम मट्टू ने कहा कि
मुफ्ती को अब भी हिरासत में रखना, जेकेपीसी
के प्रमुख सज्जाद लोन को नजरबंद करना और मुख्यधारा के अन्य नेताओं को रिहा नहीं
किया जाना “निरंकुशता” है।
उन्होंने
ट्विट कर कहा कि जेकेपीसी के अध्यक्ष सज्जाद लोन और पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा
मुफ्ती तथा मुख्यधारा के वरिष्ठ नेताओं को लगातार हिरासत में रखा जाना निरंकुशता
है। वे आठ महीने से ज्यादा वक्त से हिरासत में हैं- जहां न मीडिया को जाने दिया जा
रहा है और न ही उनके सहयोगी एवं रिश्तेदार उन तक पहुंच पा रहे हैं।
आपको बता
दें कि भारत
सरकार ने 5 अगस्त 2019 को राज्यसभा में एक ऐतिहासिक जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 पेश किया जिसमें जम्मू कश्मीर राज्य से संविधान का अनुच्छेद 370 हटाने और राज्य का विभाजन जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख के दो केंद्र शासित क्षेत्रों
के रूप में करने का प्रस्ताव पास कर दिया था। जिसके
बाद जम्मू-कश्मीर की कानून व्यवस्था खराब न हो इसके लिए वहां के कई नेताओं को अभी
तक नजरबंद कर रखा गया है।