सबरीमाला। कोरोना में लॉकडाउन के लगने के बंद सबरीमाला मंदिर करीब 6 माह बाद खोल दिया गया। शनिवार को अयप्पा मंदिर में लोगों ने कोरोना प्रोटोकॉल के तहत दर्शन किए। मंदिर में उन्ही लोगों को प्रवेश की अनुमति मिली थी जिन्होंने मास्क लगाए थे और उनके पास कोरोना वायरस निगेटिव की रिपोर्ट थी।
मंदिर को मासिक पूजा के लिए शुक्रवार शाम को खोला गया था, पर श्रद्धालुओं को शनिवार को मलयाली महीने ‘तुलम’ के पहले दिन से मंदिर में दर्शन की अनुमति दी गयी है। मंदिर में श्रद्धालु 21 अक्टूबर तक मंदिर में पूजा-अर्चना कर सकेंगे। जिन श्रद्धालुओं के पास कोरोना की निगेटिव जांच रिपोर्ट नहीं है, उन्हें निलक्कल में रैपिड एंटीजन जांच करानी होगी।
देश में 25 मार्च को लॉकडाउन लगने के बाद से पहली बार मंदिर में श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति दी गयी है। मंदिर का प्रबंधन देखने वाले त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड (टीडीबी) के सूत्रों ने बताया कि मंदिर को सुबह पांच बजे खोला गया। शनिवार को दर्शन के लिए डिजिटल प्रणाली के माध्यम से 246 लोगों ने बुकिंग कराई। हर दिन केवल 250 लोगों को मंदिर में दर्शन की अनुमति दी जाएगी।
दर्शन की अनुमति 10 से 60 वर्ष की आयु के उन लोगों को ही मिलेगी जिनके पास इस बात के चिकित्सा प्रमाणपत्र होंगे कि वे पवित्र पहाड़ी पर स्थित मंदिर तक जाने के लिहाज से स्वस्थ हैं। महामारी के कारण श्रद्धालुओं को सन्निधानम, निलक्कल या पांबा में ठहरने की अनुमति नहीं है।
जयराजन पोट्टी सबरीमला के प्रमुख पुजारी नियुक्त
वी के जयराजन को केरल के प्रसिद्ध भगवान अय्यप्पा मंदिर का मुख्य पुजारी ‘मेलासांथी’ नियुक्त किया गया है। वह यहां पूजा के मौसम में 16 नवंबर से प्रभार ग्रहण करेंगे और एक साल तक इस पद पर रहेंगे।
राजी कुमार एम एन नम्बूदिरी को पड़ोसी मलिकाप्पुरम देवी मंदिर में मुख्य पुजारी नियुक्त किया गया। त्रावणकोर देवास्वओम बोर्ड (टीडीबी) की ओर से आयोजित साक्षात्कार के आधार पर पुजारियों का चयन किया। इन पुजारियों का साक्षात्कार एक पैनल ने किया था। पहाड़ी पर स्थित इस मंदिर के प्रबंधन का कार्य टीडीबी करता है।
टीडीबी के सूत्रों के अनुसार 16 नवंबर से ये पुजारी 41 दिन चलनेवाले मंडल मौसम की पूर्व संध्या पर प्रभार करेंगे।