विपक्षी सांसदों ने किया संसद में हंगामा, महाकुंभ हादसे पर चर्चा की मांग


लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सांसदों ने हंगामा करते हुए पीएम मोदी-सीएम योगी के इस्तीफे का नारा भी लगाया। स्पीकर ने विपक्षी सांसदों को समझाते हुए कहा कि प्रश्नकाल के दौरान सदन की गरिमा बनाए रखें और रुकावट न डालें।


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लोकसभा के बजट सत्र में सोमवार (3 फरवरी) को सदन में जोरदार हंगामा देखने को मिला। विपक्षी सांसदों ने महाकुंभ हादसे पर चर्चा की मांग को लेकर नारेबाजी की, जिससे स्पीकर ओम बिरला नाराज हो गए। उन्होंने प्रदर्शन कर रहे सांसदों को फटकार लगाते हुए कहा कि अगर देश की जनता ने उन्हें केवल नारेबाजी करने और प्रश्नकाल स्थगित करने के लिए भेजा है तो वे वही करें अन्यथा अपनी सीट पर बैठें और सदन को सुचारू रूप से चलने दें।

विपक्षी दल महाकुंभ हादसे पर तुरंत चर्चा की मांग कर रहे थे, जबकि स्पीकर ने स्पष्ट किया कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान इस विषय पर बहस की जा सकती है। ओम बिरला ने प्रदर्शनकारी सांसदों से खफा होकर बोले कि “आपको जनता ने टेबल तोड़ने के लिए नहीं भेजा है। आप पहली बार चुनकर आए हो। आपको चर्चा के लिए भेजा है, अगर इसीलिए भेजा है तो जोर-जोर से मारिए।।”

लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सांसदों ने हंगामा करते हुए पीएम मोदी-सीएम योगी के इस्तीफे का नारा भी लगाया। स्पीकर ने विपक्षी सांसदों को समझाते हुए कहा कि प्रश्नकाल के दौरान सदन की गरिमा बनाए रखें और रुकावट न डालें। हालांकि विपक्ष अपनी मांगों पर अड़ा हुआ है जिससे सत्र में गतिरोध की स्थिति बनी हुई है। स्पीकर ने सांसदों से अपनी जिम्मेदारी निभाने और सदन की कार्यवाही में व्यवधान न डालने की अपील की।

वहीं दूसरी ओर राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि वे सनातन और हिंदू समाज को जातियों में बांटकर राजनीतिक फायदा लेना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि महाकुंभ में सभी जातियों के लोग एक साथ स्नान कर रहे थे, लेकिन विपक्ष को ये सहन नहीं हो रहा था। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर राजनीति कर रहा है, जबकि वहां की व्यवस्थाएं काफी अच्छी थीं।