गोरखपुर। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने सोमवार को कहा कि देश में कई किसान नेता हुए हैं लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने शासन काल में किसानों के लिए जो किया है, वह आजादी के 70 साल में किसी ने नहीं किया।
नड्डा का यह बयान प्रधानमंत्री द्वारा तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा के कुछ दिनों बाद आया है, जिसका किसानों के एक वर्ग ने विरोध किया था।
विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्षी पार्टियां प्रजातंत्र में नहीं, परिवार तंत्र में विश्वास करती हैं और वहां परिवार ही पनप सकता है।
नड्डा ने यहां गोरखपुर क्षेत्र के बूथ अध्यक्षों के सम्मेलन में कांग्रेस, समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का नाम लिए बिना अपने संबोधन में कहा, ‘‘हम सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को लेकर चलते हैं और वे (विपक्ष) वंशवाद को लेकर चलते हैं। हमारा राष्ट्रवाद महत्वपूर्ण है, उनका वंशवाद के आगे कुछ नहीं है, जो कुछ है वह वंश के लिए ही है।’’
उन्होंने कहा,’ कहने को तो बहुत से किसान नेता हुए लेकिन जो पिछले सात वर्षों में किसानों के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया, उतना आजादी के 70 सालों में भी किसी ने नहीं किया। ये हमारी सरकार है जिसने कृषि बजट को 20 हजार करोड़ रुपये से बढ़ा कर लगभग 1.23 लाख करोड़ रुपये किया।’
उन्होंने कहा ,‘‘ प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में अब तक देश के लगभग 10 करोड़ से अधिक किसानों को लगभग 1.53 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि सीधे उनके बैंक खाते में पहुंचाए जा चुकी है। उत्तर प्रदेश में भी लगभग 2.54 करोड़ किसानों को किसान सम्मान निधि योजना का लाभ मिला है। डीएपी प्रति बोरी पर 1200 रुपये की सब्सिडी दी जा रही है।’’
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि कोरोना काल में देश का गरीब से गरीब व्यक्ति भी भूखा न रहे, इसके लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत देश के लगभग 80 करोड़ लोगों को लगातार दूसरे साल अप्रैल से लेकर नवंबर, लगातार आठ महीने आवश्यक मुफ्त अनाज उपलब्ध कराये गए।
सपा के मुखिया का नाम लिए बिना उन्होंने तंज किया ‘हम लोग सबका साथ सबका विश्वास को लेकर चलते हैं, वे वोट बैंक वर्ग विशेष को लेकर राजनीति करते हैं। हम लोग सबके उदय में विश्वास करते हैं वे लोग परिवार के उदय में विश्वास करते हैं, अपने लिए, अपने भाई के लिए, अपने चाचा के लिए, अपने ताया के लिए — और अब तो उन्होंने चाचा के लिए भी सोचना छोड़ दिया है, अब तो सिर्फ अपने लिए ही रह गया है।’ उन्होंने कोरोना वैक्सीन को लेकर भी सपा प्रमुख पर तंज किया।
ध्यान रहे गोरखपुर क्षेत्र में कुल 27,637 मतदान केंद्र हैं और हर मतदान केंद्र पर 21 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। भाजपा के सांगठनिक दृष्टि से गोरखपुर क्षेत्र में कुल 62 विधानसभा क्षेत्र हैं जिनमें भाजपा ने 2017 के विधानसभा चुनाव में 43 और सहयोगी दलों ने दो सीटें जीती थीं।
गोरखपुर न केवल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गृह जिला है बल्कि वह यहां के प्रतिष्ठित गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर भी हैं। इसी क्षेत्र में राज्य की मुख्य विपक्षी सपा के मुखिया अखिलेश यादव का संसदीय निर्वाचन क्षेत्र आजमगढ़ और विधानसभा में नेता विरोधी दल रामगोविंद चौधरी का विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र बांसडीह (बलिया) भी आता है।
विधानसभा में बसपा के दल नेता शाह आलम भी गोरखपुर क्षेत्र के आजमगढ़ जिले के मुबारकपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक हैं।
अगले वर्ष होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा तैयारी में जुट गई है और बूथ अध्यक्षों के जरिये चुनावी चक्रव्यूह तोड़ने के अपने पुराने फार्मूले के तहत फिर से क्षेत्रवार सम्मेलन आयोजित कर रही है।
इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह वही प्रदेश है जहां माफियाओं और दंगाइयों का वर्चस्व रहता था लेकिन गुंडे आज गुंडई भूले गये हैं।
उन्होंने कहा कि एक तरफ भारत की आन बान और शान की रक्षा के लिए दुनिया में भारत को समर्थ बनाने में मोदी जी लगे हैं तो दूसरी तरफ देश प्रदेश की जनता के हकों पर डकैती डालने वाले जिन्नावादी सोच वाले खड़े दिखाई देंगे।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के आह्वान पर कोरोना काल में भाजपा के एक-एक कार्यकर्ता ने गरीब परिवार की सेवा की और गरीब को राशन दिलवाने से लेकर प्रवासी मजदूरों को भोजन देने का काम हमारे कार्यकर्ताओं ने किया।