बजट के बहाने विपक्ष का मोदी पर निशाना, बोले- रेलवे बिका, हवाई अड्डे बिके, बिक गए बंदरगाह…


तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य डेरेक ओब्रायन ने कहा, ‘रेलवे बिक गया, हवाई अड्डे बिक गए, बंदरगाह बिक गए, बीमा कंपनियां बिक गईं, पीएसयू बिक गए। इस फर्जी बजट की थीम भारत को बेचना है।


Ritesh Mishra Ritesh Mishra
देश Updated On :

नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को संसद में बजट पेश किया। बजट में सरकार ने विनिवेश, लघु उद्योग, उज्जवला योजना सहित कई मुद्दों पर जोर दिया है, वहीं विपक्ष को ये बजट रास नहीं आया। बजट को लेकर कई विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बजट पेश किए जाने के बाद आरोप लगाया कि सरकार की योजना भारत की संपत्तियों को ‘अपने पूंजीपति मित्रों’ को सौंपने की है।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘सरकार लोगों के हाथों में पैसे देने के बारे में भूल गई। मोदी सरकार की योजना भारत की संपत्तियों को अपने पूंजीपति मित्रों को सौंपने की है।’’ कांग्रेस नेता ने बजट पेश किए जाने से पहले कहा था कि बजट में छोटे एवं मझोले कारोबारियों की मदद करने के साथ स्वास्थ्य और रक्षा खर्च में बढ़ोतरी किए जाने की जरूरत है।

उन्होंने कहा था, बजट-2021 में एमएसएमई, किसानों और कामगारों की मदद की जानी चाहिए ताकि रोजगार का सृजन हो सके। लोगों के जीवन बचाने के लिए स्वास्थ्य क्षेत्र पर खर्च बढ़ाया जाए। सीमाओं की सुरक्षा के लिए रक्षा खर्च में बढ़ोतरी हो। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को बजट पेश किया। इसमें सरकार ने देश में बुनियादी अवसंरचना के सृजन के जरिए आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये वित्त वर्ष 2021-22 में पूंजीगत व्यय को 34.5 प्रतिशत बढ़ाकर 5.5 लाख करोड़ रुपए करने का प्रस्ताव किया है।

लुभावने वादे, खोखले दावे व आश्वासनों से थक चुके है लोग: मायावती
बहुजन समाज पार्टी प्रमुख पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने केंद्र सरकार के आम बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि देश की गरीब, किसान एवं मेहनतकश जनता केन्द्र और राज्य सरकारों के लुभावने वादे, खोखले दावे और आश्वासनों से काफी थक चुकी है।

मायावती ने ट्वीट किया, ‘संसद में पेश केन्द्र सरकार का यह बजट क्या पहले मन्दी और अब कोरोना वायरस महामारी के कारण बिगड़ी देश की अर्थव्यवस्था को संभाल पाएगा? अति-गरीबी, बेरोजगारी और महंगाई जैसी समस्याओं को दूर कर पाएगा? इन्हीं आधार पर सरकार के कार्यकलापों और इस बजट को भी आंका जाएगा।

मायावती ने कहा, देश की करोड़ों गरीब, किसान और मेहनतकश जनता केन्द्र और राज्य सरकारों के अनेक प्रकार के लुभावने वादे, खोखले दावे और आश्वासनों से काफी थक चुकी है तथा उनका जीवन लगातार त्रस्त है। सरकार अपने वादों को जब जमीनी हकीकत का रूप देगी तभी यह बेहतर होगा।

दूरदर्शिता रहित बजट की थीम है सेल इंडिया: TMC
तृणमूल कांग्रेस ने आम बजट को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह शत-प्रतिशत ‘दूरदर्शिता रहित’ बजट है जिसकी थीम ‘सेल इंडिया’ है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में 2021-22 के लिए आम बजट प्रस्तुत किया जिसके बाद तृणमूल कांग्रेस की यह प्रतिक्रिया आई।

तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य डेरेक ओब्रायन ने कहा, भारत का पहला कागज रहित बजट शत-प्रतिशत दूरदर्शिता रहित बजट भी है। इस फर्जी बजट की थीम भारत को बेचना है। कहा, ‘रेलवे बिक गया, हवाई अड्डे बिक गए, बंदरगाह बिक गए, बीमा कंपनियां बिक गईं, पीएसयू 23 बिक गए।’

तृणमूल कांग्रेस सांसद ने दावा किया कि बजट में आम आदमी और किसानों की अनदेखी की गयी है और यह अमीरों को और धनवान तथा निर्धन को और गरीब बनाएगा, वहीं मध्यम वर्ग को इसमें कुछ भी नहीं मिला है। डेरेक ओब्रायन ने कहा कि ग्रामीण सड़कों के मामले में पश्चिम बंगाल पहले स्थान पर है। पश्चिम बंगाल ने कल ही कर दिया, केंद्र सरकार आज केवल बातें कर रही है।

आम लोगों की मुश्किलें बढ़ाएगा आम बजट : सपा
समाजवादी पार्टी ने केंद्र सरकार द्वारा सोमवार को संसद में पेश आम बजट को किसानों और आम आदमी की दुश्वारियां बढ़ाने वाला करार दिया है।पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने ट्वीट किया ‘भाजपा सरकार से बस इतनी गुज़ारिश है कि वो इस बार बजट में देश की एकता, सामाजिक सौहार्द, किसान-मज़दूर के सम्मान, महिला-युवा के मान और अभिव्यक्ति की आज़ादी की पुनर्स्थापना के लिए भी कुछ प्रावधान करे क्योंकि भाजपा की विघटनकारी नीतियों से ये सब बहुत खंडित हुआ है।’


सपा के वरिष्ठ नेता और विधानसभा में विपक्ष के नेता रामगोविंद चौधरी ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, मोदी सरकार अपनी विश्वसनीयता खो चुकी है। वह कॉरपोरेट समूहों के कार्यकर्ता के रूप में पूरी ईमानदारी से काम कर रही है। आरोप लगाया कि केंद्र सरकार का आम आदमी से हर चीज छीन कर कॉरपोरेट समूहों के हवाले कर देने पर केंद्रित है। सरकार का बजट भी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से इन्हीं कारोबारी समूहों को समर्पित है, इस बजट से किसानों और आम आदमी की दुश्वारियां और बढ़ेंगी।