
नई दिल्ली। सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि केंद्रीयकृत शिकायत निस्तारण एवं निगरानी प्रणाली (सीपीजीआरएएमएस) को न्यायिक भ्रष्टाचार सहित न्यायपालिका के कामकाज को लेकर 1600 से अधिक शिकायतें प्राप्त हुईं।
कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्यसभा को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि स्थापित तंत्र के तहत इन 1,622 शिकायतों को भारत के प्रधान न्यायाधीश या संबंधित उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश को भेजा गया।
उन्होंने कहा कि उच्च न्यायपालिका में ‘‘आतंरिक तंत्र’’ के माध्यम से जवाबदेही बरकरार रखी जाती है। उन्होंने कहा कि इस तंत्र के अनुसार, भारत के प्रधान न्यायाधीश उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश के आचरण के बारे में शिकायतें प्राप्त करने के लिए सक्षम प्राधिकार हैं।
रिजिजू ने कहा कि इसी प्रकार उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के आचरण के खिलाफ शिकायतें प्राप्त करने के लिए सक्षम हैं। उन्होंने कहा कि राज्यों में अधीनस्थ न्यायपालिका के सदस्यों पर प्रशासनिक नियंत्रण संबंधित उच्च न्यायालयों के अधीन है।