
धर्मशाला। पेनपा सेरिंग ने बृहस्पतिवार को धर्मशाला स्थित निर्वासन वाली तिब्बत सरकार सेंट्रल तिब्बतन एडमिनिस्ट्रेशन (सीटीए) के राष्ट्रपति पद का शपथ लिया। सेरिंग ने कहा कि वह चीन सरकार के साथ संपर्क करके चीन-तिब्बत संकट का ‘परस्पर लाभकारी’ और अहिंसक समाधान निकालने का प्रयास करेंगे।
मुख्य न्यायाधीश आयुक्त सोनम नोर्बु डागपो ने पेनपा सेरिंग को कोरोना वायरस के कारण लागू पाबंदियों के बीच सादे समारोह में पद की शपथ दिलाई। पेनपा निर्वासन वाली तिब्बत सरकार सेंट्रल तिब्बतन एडमिनिस्ट्रेशन (सीटीए) के 17वें संसद के लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित दूसरे राष्ट्रपति हैं और वह लोबसांग सांगेय की जगह लेंगे।
कहा कि उनकी सरकार तिब्बती आध्यात्मक गुरु दलाई लामा द्वारा दिखाए गए ‘मध्य मार्ग’ पर चलेगी। कहा, ‘‘उसके आधार पर हम चीन सरकार से संपर्क करेंगे और चीन-तिब्बत मसले का परस्पर लाभकारी, बातचीत के माध्यम से अहिंसावादी हल निकालने का प्रयास करेंगे। हम आशा करते हैं कि यह दुनिया भर में मसलों के सुलझाने का उदाहरण बनेगा।
उन्होंने कहा कि तिब्बत के सभी लोगों द्वारा दलाई लामा के दिखाए गए रास्तों पर चलना सबसे महत्वपूर्ण है। सेरिंग ने कहा, आज सुबह शपथ ग्रहण समारोह में दलाई लामा की वर्चुअल उपस्थिति हमारे लिए सौभाग्य की बात है। कार्यकारी हर संभव कोशिश करेगी कि हम दलाई लामा दिखाए गए रास्ते पर चलें।
दलाई लामा ने शपथ ग्रहण समारोह में वर्चुअली हिस्सा लिया और निर्वासन वाली तिब्बत सरकार के नये राष्ट्रपति को बधाई दी। सेरिंग (53) 2008 से 2016 के बीच सीटीए के संसद के दो बार अध्यक्ष रह चुके हैं। वह 2016 के सिक्योंग (राष्ट्रपति) चुनाव में दूसरे स्थान पर रहे थे।