
नई दिल्ली। केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को केन्द्र सरकार ने उन्हें दिल्ली में दाखिल होने और बुराड़ी मैदान में प्रदर्शन करने की अनुमति दे दी है।
वहीं किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने दिल्ली सरकार से शहर के नौ स्टेडियमों को अस्थायी जेल के तौर पर इस्तेमाल करने की अनुमति मांगी थी जिसे दिल्ली सरकार ने ख़ारिज कर दिया है।
क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने कहा, हमें दिल्ली में दाखिल होने की अनुमति मिली हुई है। उन्होंने बताया कि केन्द्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने उन्हें दिल्ली के बुराड़ी में एक स्थान पर प्रदर्शन करने की अनुमति दी थी।
उधर, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए सरकार पर निशाना साधा है। शुक्रवार को राहुल ने ट्वीट किया कि “PM को याद रखना चाहिए था जब-जब अहंकार सच्चाई से टकराता है, पराजित होता है। सच्चाई की लड़ाई लड़ रहे किसानों को दुनिया की कोई सरकार नहीं रोक सकती। मोदी सरकार को किसानों की माँगें माननी ही होंगी और काले क़ानून वापस लेने होंगे। ये तो बस शुरुआत है!”
PM को याद रखना चाहिए था जब-जब अहंकार सच्चाई से टकराता है, पराजित होता है।
सच्चाई की लड़ाई लड़ रहे किसानों को दुनिया की कोई सरकार नहीं रोक सकती।
मोदी सरकार को किसानों की माँगें माननी ही होंगी और काले क़ानून वापस लेने होंगे।
ये तो बस शुरुआत है!#IamWithFarmers
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 27, 2020
केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ ‘दिल्ली चलो’ मार्च के तहत पंजाब और हरियाणा के किसान दिल्ली से सटे सिंधु बॉर्डर पर जमा हो गए हैं। बड़ी संख्या में पहुंचे किसानों के मद्देनजर भरी संख्या में सुरक्षाबलों को तैनात कर दिया गया है। शुक्रवार की सुबह किसानों ने दिल्ली में घुसने का प्रयास किया तो पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे।
किसान अपनी ट्रैक्टर-ट्रॉलियों पर राशन और अन्य आवश्यक सामान के साथ एकत्रित हो गए हैं। हरियाणा सरकार ने किसानों को प्रदर्शन के लिए एकत्रित होने से रोकने के लिए कई इलाकों में धारा 144 भी लागू कर दी है। किसान नये कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि नये कानून से न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था समाप्त हो जाएगी।