
नई दिल्ली। हरियाणा के मुस्लिम बाहुल्य मेवात के नूंह में हिन्दुओं पर अत्याचार, उनका जबरन धर्मांतरण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। लखनऊ की वकील रंजना अग्निहोत्री, करुणोश शुक्ला सहित पांच लोगों ने ये याचिका दाखिल की है। याचिका में शीर्ष न्यायालय से इसकी सीबीआइ या एनआइए से जांच कराए जाने की मांग की गई है।
याचिका में कहा गया है कि इसमें पुलिस, स्थानीय प्रशासन और तैनात अधिकारियों के ढीले रवैये और भूमिका भी देखी जाए। केंद्र सरकार को निर्देश दिया जाए कि वह नूह-मेवात में नागरिकों के जानमाल की सुरक्षा के लिए अर्धसैनिक बलों की तैनाती करे।
याचिका में नूंह में हिंदुओं पर अत्याचार का आरोप लगाते हुए कहा गया है कि वहां हिन्दुओं का जीवन और धार्मिक स्वतंत्रता खतरे में है। हिंदुओं की जनसंख्या 20 फीसद से घटकर 10 से 11 फीसद रह गई है। बहुत से हिन्दुओं का जबरन इस्लाम में धर्मातरण कराया गया।
याचिका में कहा गया है कि मेवात-नूंह में लगभग 431 गांव हैं, जिनमें से 103 गांवों में कोई हिंदू नहीं हैं। 82 गांवों में गिने-चुने हिंदू परिवार बचे हैं। वहां बहुत से हिंदुओं को घर छोड़ना पड़ा है।
विहिप ने उठाया था मुद्दा
विश्व हिंदू परिषद की ओर से मेवात में हिंदुओं के उत्पीड़न को लेकर इसी साल जून में तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनाई गई थी। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में हिंदू उत्पीड़न की कई घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा था कि 25 वर्षों में मेवात के 50 गांव हिंदू विहीन हो चुके हैं। जांच कमेटी में सेवानिवृत जनरल जीडी बख्सी, स्वामी धर्मदेव व एडवोकेट चंद्रकांत शर्मा थे।
इसके बाद मेवात में हिन्दुओं पर अत्याचार और उत्पीड़न को लेकर विश्व हिन्दू परिषद ने मुद्दे को जोर-शोर से उठाया था। मामले को देखते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल मेवात पहुंचे और हिन्दू-मुस्लिम संगठनों से बात की थी। इसके साथ ही सीएम ने वहां के अधिकारियों के पूरे मामले की जानकारी मांगी थी।