नई दिल्ली। रोजमर्रा की जरूरत के सामनों जैसे पैक्ड दूध, दही आटा, चावल आदि पर जीएसटी लगाने के बाद से विपक्ष सरकार पर हमलावर है। विपक्ष ने सरकार पर बढ़ती महंगाई और जीएसटी पर चर्चा पर से भागने का आरोप लगाया है। जिस पर बुधवार को केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि सरकार महंगाई और जीएसटी पर बहस से नहीं भाग रही है। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कोरोना से ठीक होने के बाद इस मुद्दे पर संसद में चर्चा हो सकती है। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर सदन की कार्यवाही बाधित करने का आरोप भी लगाया।
कांग्रेस पर हमलावर दिखे गोयल
राज्यसभा में सदन के नेता गोयल ने संसद के बाहर कहा कि लोकतंत्र के प्रति कांग्रेस का रवैया विनाशकारी है। उन्होंने आगे कहा कि जयराम रमेश के ट्वीट से यह उजागर हो गया कि कांग्रेस सदन को बाधित करना चाहती है। आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्षी दलों के बीच इस बात को लेकर प्रतिस्पर्धा है कि संसद को सबसे ज्यादा कौन बाधित करेगा।
कांग्रेस ने कई जरूरी खाद्य वस्तुओं को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाए जाने को लेकर संसद के दोनों सदनों में चल रहे गतिरोध के बीच बुधवार को आरोप लगाया कि मोदी सरकार इस महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा से भाग रही है जिस कारण संसदीय कामकाज नहीं हो पा रहा है।
विपक्षी सदस्य दोनों सदनों में इस विषय और कुछ अन्य विषयों चर्चा की मांग को लेकर पिछले तीन दिनों से हंगामा कर रहे हैं जिस कारण कार्यवाही बाधित हुई है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ‘‘आज सुबह राज्यसभा में कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष ने मूल्य वृद्धि और खाद्य पदार्थों पर लगाई गई जीएसटी पर तत्काल बहस की मांग की।सरकार ने इससे इनकार कर दिया। सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।’’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘मोदी सरकार की जिद जारी है। संसद में कामकाज नहीं हो पा रहा है।’’
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने ट्वीट किया, ‘‘भयंकर महंगाई के बीच गृहस्थी को चाहिए थी संजीवनी। भाजपा सरकार ने आटा, अनाज, मूड़ी (लाई), गुड़, दही पर ‘गृहस्थी सत्यानाश टैक्स (जीएसटी)’ लगाकर महंगाई का बोझ और बढ़ा दिया। नरेंद्र मोदी जी खर्चा बढ़ा रहे हैं और संसद में चर्चा से कतरा रहे हैं। क्या महंगाई पर चर्चा करना “असंसदीय” है?’’
जीएसटी परिषद के फैसले लागू होने के बाद सोमवार से कई खाद्य वस्तुएं महंगी हो गईं। इनमें पहले से पैक और लेबल वाले खाद्य पदार्थ जैसे आटा, पनीर और दही शामिल हैं, जिन पर पांच प्रतिशत जीएसटी देना होगा।