पूर्व प्रधानमंत्री पी वी नरसिम्हा राव की 100वीं जयंती पर PM मोदी और उपराष्ट्रपति नायडू ने दी श्रद्धांजलि


पूर्व प्रधानमंत्री पी वी नरसिम्हा राव को उनकी 100वीं जयंती पर श्रद्धांजलि देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि देश राष्ट्रीय विकास में उनके व्यापक योगदान को याद करता है।


शिवांगी गुप्ता शिवांगी गुप्ता
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नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री पी वी नरसिम्हा राव को उनकी 100वीं जयंती पर श्रद्धांजलि देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि देश राष्ट्रीय विकास में उनके व्यापक योगदान को याद करता है।

कांग्रेस के अनुभवी नेता, राव ने 1991 में प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद पांच साल का कार्यकाल पूरा किया और उन्हें परिवर्तनकारी बदलावों को अमल में लाकर भारतीय अर्थव्यवस्था को उदारवादी बनाने का श्रेय दिया जाता है।

मोदी ने ट्वीट किया, “ पूर्व प्रधानमंत्री श्री पी वी नरसिम्हा राव जी को उनकी 100 जयंती पर श्रद्धांजलि। भारत राष्ट्रीय विकास में उनके व्यापक योगदान को याद करता है। वे असाधारण ज्ञान एवं बुद्धिमता के धनी थे।’’

प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले साल के अपने रेडियो प्रसारण ‘मन की बात’ की एक क्लिप भी साझा की जिसमें उन्होंने राव को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की थी।

वहीं उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने पूर्व प्रधानमंत्री पी वी नरसिम्हा राव की 100वीं जयंती पर सोमवार को उन्हें श्रद्धांजलि दी और उन्हें भारत में आर्थिक सुधारों का ‘‘निर्विवाद पथ प्रदर्शक’’ बताया।

नायडू ने कहा कि लोग राष्ट्र के विकास के प्रति राव की दृढ प्रतिबद्धता को हमेशा याद रखेंगे। राव जून 1991 और मई 1996 के बीच प्रधानमंत्री रहे थे।

उपराष्ट्रपति सचिवालय ने नायडू के हवाले से ट्वीट किया, ‘‘ एक कुशल प्रशासक, राजनेता, दूरदर्शी और भारत में आर्थिक सुधारों के निर्विवाद पथ प्रदर्शक पीवी नरसिम्हा राव को उनकी सौवीं जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि।’’

उपराष्ट्रपति ने कहा कि राव सही अर्थों में बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे। वह बहुभाषाविद और एक प्रतिष्ठित विद्वान थे, जिन्होंने शिक्षा के माध्यम के रूप में मातृभाषा को प्रोत्साहित करने में गहरी रुचि दिखाई। राव का जन्म आज ही के दिन 1921 में करीमनगर में हुआ था, जो अब तेलंगाना में है।

पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव

पीवी नरसिम्हा राव का जन्म 28 जून, 1921 को तत्कालीन आंध्र प्रदेश  के करीमनगर जिले के एक गांव में हुआ था, जो कि वर्तमान में तेलंगाना राज्य का एक क्षेत्र है। नरसिम्हा राव को एक सक्रिय छात्र नेता के रूप में भी जाना जाता था, जहां उन्होंने पूर्ववर्ती आंध्र प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में कई सत्याग्रह आंदोलनों का नेतृत्व किया था। नरसिम्हा राव हैदराबाद में 1930 के दशक में हुए ‘वंदे मातरम आंदोलन’ के एक सक्रिय भागीदार भी थे। राव ने साल 1962 से 1971 के दौरान आंध्र सरकार में अलग-अलग मंत्री पदों पर कार्य किया, इसके बाद उन्होंने 1971 से 1973 तक तत्कालीन आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी संभाली।