नई दिल्ली। भारतीय बैंको के हजारों करोड़ रुपए लेकर इंग्लैंड फरार होने वाले नीरव मोदी को अगले 28 दिन के भीतर वापस भारत लाया जा सकता है। नीरव मोदी, इंग्लैंड में अपनी कानूनी लड़ाई हार चुका है। नीरव मोदी के बचने का कोई रास्ता शेष नहीं रह गया है। यदि कोई और राहत नहीं मिलती है तो नीरव मोदी को अगले 28 दिन के अंदर भारत लाया जाएगा। सोमवार को सरकार की ओर से यह बात राज्यसभा में कही गई।
फरवरी 2017 में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने नीरव मोदी की जांच शुरू की थी। सीबीआई ने यह जांच पंजाब नेशनल बैंक की शिकायत पर शुरू की, जिसने आरोप लगाया कि नीरव मोदी और उसके सहयोगियों ने षडयंत्र कर विदेशी आपूर्तिकर्ताओं के लिए फर्जी भुगतान पत्र बनवाये, और 270 करोड़ रूपए की धोखाधड़ी की। पंजाब नेशनल बैंक के नुकसान की संभावित राशि 11 हजार करोड़ रुपए तक हो सकती है। पंजाब नेशनल बैंक के आग्रह पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी धोखाधड़ी के इस मामले में नजर रख रहा है।
सोमवार को भाजपा सांसद सुशील मोदी ने राज्यसभा को जानकारी देते हुए बताया, जो लोग नीरव मोदी की बात करते थे कि नीरव मोदी भाग गया, कब लौट कर वापस आएंगा। सदन को मैं बताना चाहूंगा ब्रिटेन में नीरव मोदी के पास जितने भी कानूनी विकल्प थे वह सभी कानूनी विकल्प समाप्त हो चुके हैं। यदि यूरोपियन कोर्ट ऑफ ह्यूमन राइट से कोई राहत नहीं मिली या फिर इंग्लैंड ने उसे शरण नहीं दी तो अगले 28 दिनों के अंदर नीरव मोदी को भारत लाया जा सकता है।
पंजाब नेशनल बैंक के साथ हजारों करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के आरोपी नीरव मोदी को भारत प्रत्यर्पण न करने की याचिका को ब्रिटेन की हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट के फैसले के बाद नीरव को भारत लाए जाने का रास्ता काफी हद तक साफ हो चुका है। हालांकि अभी भी यह अंतिम निर्णय नहीं है। नीरव मोदी को भारत लाने के लिए कुछ वक्त लग सकता है। जानकारों का कहना है कि डिप्लोमेसी और मानवाधिकार नियमों की तय कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद ब्रिटेन पुलिस नीरव को केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) को सौंप सकती है। सीबीआई इसके बाद ही नीरव को ब्रिटेन से भारत लाएगी।
इसके साथ ही सुशील मोदी ने सोमवार को राज्यसभा में बताया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में रूस यूक्रेन युद्ध के कारण फर्टिलाइजर के मूल्य में बहुत अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। प्रधानमंत्री नहीं चाहते थे कि किसानों पर इसका कोई बोझ पड़े और इसीलिए बजट में बड़ा प्रावधान किया गया है। इस बजट में जो फर्टिलाइजर की सब्सिडी होगी वह कुल मिलाकर 2.14 लाख करोड़ की होगी।
सुशील मोदी ने बताया कि भारत में यूरिया का दाम 266 रुपए प्रति बोरा है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत 2450 रूपया। यानी प्रति बोरे पर 2183 रुपए सब्सिडी प्रदान की जा रही है ताकि किसानों पर बोझ न पड़े। सुशील मोदी ने कहा जो डीएपी फर्टिलाइजर है उसका एमआरपी 1350 रुपए है। हम इस पर ढाई हजार रुपये प्रति बोरा सब्सिडी दे रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सदन को यह मालूम है कि 80 करोड़ लोगों को 28 महीने से 5 किलो अनाज प्रति महीना निशुल्क अनाज सरकार की ओर से दिया जा रहा है। इस पर सरकार 3.90 लाख करोड़ रुपए खर्च कर रही है।