
नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लि. ने देश की पहली वोल्टेज सोर्स कन्वर्टर (वीएससी) आधारित हाई वोल्टेज डायरेक्ट करंट (एचवीडीसी) ट्रांसमिशन प्रणाली चालू की है। बिजली मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि इससे देश के दक्षिणी क्षेत्र में बिजली व्यवस्था सुदृढ़ होगी।
बयान के अनुसार पावरग्रिड ने 320 केवी, 2 हजार मेगावाट (एमडब्ल्यू), पुगलूर (तमिलनाडु) -त्रिचूर (केरल) वोल्टेज सोर्स कन्वर्टर आधारित एचवीडीसी सिस्टम के मोनोपोल-1 को मंगलवार को चलू कर दिया।
पुगलूर-त्रिचूर एचवीडीसी सिस्टम पर 5,070 करोड़ रुपये की लागत आयी है। यह रायगढ़-पुगलूर-त्रिचूर 6000 मेगावाट एचवीडीसी सिस्टम का हिस्सा है। यह त्रिचूर स्थित वीएससी एचवीडीसी स्टेशन के माध्यम से केरल को 2000 मेगावाट बिजली भेजने में काम आएगी।
वीएससी तकनीक से पारम्परिक एचवीडीसी प्रणाली की तुलना में भूमि की आवश्यकता खासी घट जाती है और यह ऐसे क्षेत्रों के लिए खासा अनुकूल है, जहां जमीन की कमी है। यह स्मार्ट ग्रिड के विकास को भी सुगम बनाता है।
पावरग्रिड ने इस परियोजना के लिए पहली बार इस अत्याधुनिक वीएससी तकनीक का उपयोग किया है। इस परियोजना की एक खास विशेषता ओवरहेड लाइन और अंडग्राउंड केबिल का संयोजन है, जो केरल में पारेषण कॉरिडोर की सीमित उपलब्धता का हल निकालती है।