प्रफुल्ल पटेल ने विपक्षी एकता पर कसा तंज, पटना की बैठक देखकर मुझे हंसने का मन किया


प्रफुल्ल पटेल ने इसके साथ ही बिहार की राजधानी पटना में हुई विपक्षी दलों की हालिया बैठक का जिक्र करते हुए कहा, ‘मैं शरद पवार के साथ पटना में संयुक्त विपक्ष की बैठक में गया था और वहां का नजारा देखकर मुझे हंसने का मन हुआ।


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मुंबई। प्रफुल्ल पटेल ने अजित पवार के साथ मिलकर एनसीपी सुप्रीमो के शरद पवार के खिलाफ बगावत करके एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल होने के फैसले का बुधवार को बचाव किया।पटेल ने इसके साथ ही बीजेपी विरोधी विपक्षी दलों की एकता पर तंज कसा।

मुंबई के बांद्रा स्थित एमईटी में एनसीपी के अजित पवार समर्थक नेताओं को संबोधित करते हुए प्रफुल्ल पटेल ने कहा, ‘जब हम शिवसेना की विचारधारा को स्वीकार कर सकते हैं तो बीजेपी के साथ जाने में क्या खराबी है? हम एक स्वतंत्र इकाई के रूप में इस गठबंधन में शामिल हुए हैं।’ इसके साथ ही उन्होंने कहा,‘जम्मू-कश्मीर में महबूबा मुफ्ती और फारूक अब्दुल्ला भाजपा के साथ गए थे और वे अब संयुक्त विपक्ष का हिस्सा हैं।’

प्रफुल्ल पटेल ने इसके साथ ही बिहार की राजधानी पटना में हुई विपक्षी दलों की हालिया बैठक का जिक्र करते हुए कहा, ‘मैं शरद पवार के साथ पटना में संयुक्त विपक्ष की बैठक में गया था और वहां का नजारा देखकर मुझे हंसने का मन हुआ। वहां 17 विपक्षी दल थे, उनमें से 7 (दलों) में से लोकसभा में केवल 1 सांसद है और एक पार्टी ऐसी है जिसके पास 0 सांसद हैं।उनका दावा है कि वे बदलाव लाएंगे…’

इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि ‘हमने जो फैसला (एनडीए में शामिल होने का) लिया है, वह देश और हमारी पार्टी के लिए है, व्यक्तिगत लाभ के लिए नहीं।’

बता दें कि एनसीपी पर अधिकार की लड़ाई के बीच शरद पवार और अजित पवार ने बुधवार को पार्टी विधायकों की अलग-अलग बैठकें बुलाई। इस दौरान उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की बुलाई गई बैठक में एनसीपी के 53 में से 31 विधायक शामिल हुए।दूसरी तरफ एनसीपी प्रमुख शरद पवार की बैठक में केवल 16 विधायक ही शामिल हुए।

इससे पहले 63 वर्षीय अजीत पवार ने रविवार को अपने चाचा शरद पवार के खिलाफ बगावत करके एकनाथ शिंदे सरकार में उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इस दौरान उनके साथ दिलीप वलसे पाटिल, छगन भुजबल, धनंजय मुंडे समेत आठ अन्य विधायकों ने मंत्री पद का शपथ ग्रहण किया।

अजित पवार ने इसके साथ ही शरद पवार द्वारा स्थापित एनसीपी पर अपना दावा करते हुए कहा था कि पार्टी के अधिकतर विधायकों का उन्हें समर्थन प्राप्त है और वह ही असली एनसीपी हैं। इस दौरान प्रफुल्ल पटेल भी उनके साथ थे।प्रफुल्ल पटेल का इस तरह अजित पवार के साथ जाना सीनियर पवार के लिए बड़े झटके की तरह देखा जा रहा है, क्योंकि वह अब तक शरद पवार के बेहद भरोसेमंद नेताओं में गिने जाते थे।शायद यही वजह रही कि शरद पवार ने बागी विधायकों के खिलाफ उठाते हुए सबसे पहले प्रफुल्ल पटेल को ही ‘पार्टी विरोधी गतिविधियों’ के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया।



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