मारियुपोल (यूक्रेन)। यूक्रेन के प्रसूति अस्पताल पर रूस के बम विस्फोट के बाद एक गर्भवती महिला और उसके गर्भस्थ शिशु की मौत हो गई है।
एक स्ट्रेचर पर महिला को एम्बुलेंस में ले जाने की तस्वीरें दुनिया भर में प्रसारित हुई थीं, जो मानवता के सबसे मासूम निरीह प्राणी पर भयावहता का प्रतीक थीं।
अस्पताल पर हमले के बाद एपी पत्रकारों द्वारा बुधवार को शूट किए गए वीडियो और तस्वीरों में महिला को खून से लथपथ पेट के निचले हिस्से को सहलाते हुए देखा गया था। सदमाग्रस्त इस महिला के निराश, मुरझाए हुए चेहरे से उसके मन में उपजी आशंका साफ झलक रही थी।
अब तक के 19 दिन के युद्ध में यह यूक्रेन के खिलाफ रूस के सबसे क्रूर क्षणों में से एक था। महिला को दूसरे अस्पताल में ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे बचाने का भरपूर प्रयास किया।
जब महिला को पता चला कि उसका बच्चा नहीं रहा, तब उसने रोते हुए डॉक्टरों से कहा ‘‘मुझे भी मार डालिए।’’
सर्जन तिमूर मारिन ने पाया कि महिला के शरीर का निचला हिस्सा बम विस्फोट की वजह से क्षतिग्रस्त हो कर लहुलुहान हो गया। उन्होंने बताया कि महिला का फौरन सीजेरियन किया गया लेकिन बच्चे में जीवन के कोई लक्षण नहीं थे। फिर करीब तीस मिनट के बाद महिला ने भी दम तोड़ दिया।
उन्होंने बताया कि जल्दबाजी में उन्होंने महिला के पति का नाम नहीं पूछा था। उसके पिता आ कर उसका शव ले गए। मारिन ने कहा कि कम से कम कोई तो उसका शव लेने आया और वह सामूहिक कब्र में नहीं जाएगी।
गौरतलब है कि मारियुपोल में रूस की भीषण गोलाबारी में मारे गए लोगों में से कई की पहचान नहीं की जा सकी और वहां चल रहे हालात की वजह से इन लोगों को सामूहिक कब्रों में दफनाना पड़ा है।
युद्ध अपराध के आरोपों का सामना कर रहे रूसी अधिकारियों ने दावा किया कि यूक्रेन के चरमपंथी प्रसूति अस्पताल का उपयोग अपने ठिकाने के तौर पर कर रहे थे और वहां कोई मरीज या चिकित्सा कर्मी नहीं था। संयुक्त राष्ट्र में रूस के राजदूत और लंदन में स्थित रूसी दूतावास के राजदूत ने संबंधित तस्वीरों को ‘‘फर्जी खबर’’ करार दिया।
युद्ध की विभीषिका कवर कर रहे ‘‘एसोसिएटेट प्रेस’’ के पत्रकारों ने विस्फोट का शिकार बने प्रसूति अस्पताल में जमीन पर रक्तरंजित अवस्था में पड़ी गई गर्भवती महिलाओं, रोते बच्चों और उनके इलाज के लिए प्रयासरत चिकित्सा कर्मियों के वीडियो, फोटो पोस्ट किए।
अगले दिन उन्होंने शहर में उस अस्पताल का पता लगाया जहां इनमें से कुछ महिलाओं को ले जाया गया। एक सप्ताह से इस शहर में पानी, खाना, बिजली या किसी भी तरह की गर्मी का अभाव है और आपात जनरेटरों को केवल ऑपरेशन कक्ष के लिए ही सुरक्षित रखा गया है।
मारियुपोल में ही एक अन्य गर्भवती महिला ने शुक्रवार को सीजेरियन से अपनी बच्ची को जन्म दिया। हालांकि विस्फोट में इस महिला के हाथ पैरों की कुछ उंगलियां पूरी तरह नष्ट हो गई हैं।
पीड़ितों का दावा है कि यूक्रेन के कई शहरों में रूसी हमलों के कारण इसी तरह के हालात हैं।