पटौदी खानदान की करीब 15 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति को जब्‍त करने की तैयारी


एमपी की राजधानी भोपाल के कोहेफिजा से चिकलोद तक करीब 100 एकड़ में पटौदी खानदान यह संपत्ति फैली हुई है, जिसे सरकार ने शत्रु संपत्ति माना है।


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नई दिल्‍ली। साल 2025 पटौदी खानदान के लिए कुछ ठीक नहीं लग रहा है। पहले तो पटौदी खानदान के नवाब और फिल्‍म अभिनेता सैफ अली खान पर चाकू से हमला किया गया और जैसे ही वह अस्‍पताल से डिस्‍चार्ज होकर बाहर आए तो खबर मिली कि मध्‍य प्रदेश सरकार उनके पुरखों की करीब 15 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति जब्‍त करने वाली है। सरकार यह संपत्ति भारतीय संपत्ति एवं उत्‍तराधिकार कानून के तहत बनाए गए शत्रु संपत्ति कानून के तहत जब्‍त करने की प्रक्रिया में है। यह खबर पढ़कर हर आम-ओ-खास के मन में सवाल जरूर उठता होगा कि आखिर यह शत्रु संपत्ति कानून क्‍या बला है, जो गाज बनकर पटौदी खानदान पर गिरने वाली है।

सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि शत्रु संपत्ति कानून आखिर लागू क्‍यों किया गया। भारत सरकार ने यह कानून सभी देशों पर नहीं लागू किया है, बल्कि अपने खास दुश्‍मनों पर ही इसे लागू किया है। भारत के सबसे खास दुश्‍मन चीन और पाकिस्‍तान ही हैं, जिनके साथ कई युद्ध भी लड़े जा चुके हैं। पाकिस्‍तान के साथ 1965 में हुए युद्ध के बाद भारत सरकार ने शत्रु संपत्ति (संरक्षण एवं पजीकरण) कानून पेश किया। इसमें कहा गया कि बंटवारे के बाद या 1965 अथवा 1971 के युद्ध के बाद जो भी नागरिक भारत छोड़कर पाकिस्‍तान गए और वहां की नागरिकता ले ली, उनकी सभी अचल संपत्ति को शत्रु संपत्ति माना जाएगा। इसी तरह, चीन के साथ युद्ध के बाद यही नियम चीन पर भी लागू कर दिया गया और वहां गए नागरिकों की संपत्तियों को भी सरकार ने अपने कब्‍जे में ले लिया।

सरकार ने पाकिस्‍तान या चीन जाकर रहने और वहां की नागरिकता लेने वालों की संपत्ति को इसलिए शत्रु संपत्ति घोषित किया, क्‍योंकि इन लोगों को देश के लिए खतरा माना जाता था। डर यह भी था कि अगर भारत में इनकी संपत्तियों पर हक बना रहा तो इसका इस्‍तेमाल विदेशी ताकतों द्वारा किया जा सकता है। इसके बाद ही सरकार ने यह कानून बनाया और इन संपत्तियों को अपने कब्‍जे में लेकर उनका इस्‍तेमाल देशहित में करने की नीति तैयार की।

ऐसा नहीं है कि शत्रु संपत्ति में सिर्फ अचल संपत्तियां जैसे घर-मकान, जमीन आदि आते हैं, बल्कि इसमें शेयर और सोने जैसी चल संपत्तियों को भी शामिल किया गया है। सरकार ने अब तक सोने और शेयर जैसी शत्रु संपत्तियों को बेचकर ही 3,400 करोड़ रुपये जुटा लिए हैं। माना जा रहा है कि देश में करीब 12,611 शत्रु संपत्तियां हैं, जिनकी कीमत 1 लाख करोड़ रुपये से भी ज्‍यादा है। साल 2020 में सरकार ने एक समिति बनाकर इन संपत्तियों को बेचने की कवायद शुरू कर दी है। कुल शत्रु संपत्तियों में से 12,485 पाकिस्तानी नागरिकों की हैं, जबकि 126 चीनी नागरिकों से संबंधित हैं। सबसे ज्‍यादा 6,255 शत्रु संपत्तियां यूपी में हैं।

एमपी की राजधानी भोपाल के कोहेफिजा से चिकलोद तक करीब 100 एकड़ में पटौदी खानदान यह संपत्ति फैली हुई है, जिसे सरकार ने शत्रु संपत्ति माना है। इस जमीन पर करीब 1.5 लाख लोग रहे हैं। भोपाल के तत्‍कालीन नवाब हमीदुल्‍लाह खान की बड़ी बेटी आबिदा सुल्‍तान बंटवारे के बाद भारत छोड़कर पाकिस्‍तान चली गईं थी। यही वजह है कि इस संपत्ति को शत्रु संपत्ति की श्रेणी में रखा गया है। नवाब की छोटी बेटी साजिदा सुल्‍तान को उनका उत्‍तराधिकारी घोषित किया गया। साजिदा की शादी इफ्तिखार अली खान पटौदी से हुई और इस तरह संपत्ति को पटौदी खानदान से भी जोड़ दिया गया। हमीदुल्‍लाह खां अभिनेता सैफ अली खान के पिता मंसूर अली खान पटौदी के नाना थे।