
नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के नासिक में ऑक्सीजन टैंक में आई लीकेज के दौरान मरीजों की हुई मौत पर दुःख व्यक्त किया है। राष्ट्रपति ने कहा कि वह महाराष्ट्र के नासिक में कोरोना मरीजों के एक अस्पताल में ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित होने से मरीजों की मौत की घटना से बेहद व्यथित हैं ।
अधिकारियों ने बताया कि जाकिर हुसैन निगम अस्पताल में ऑक्सीजन आपूर्ति टैंक में लीकेज के बाद ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित होने से 22 लोगों की मृत्यु हो गयी। ये रोगी वेंटिलेटर और ऑक्सीजन पर थे। राष्ट्रपति कोविंद ने अपने ट्वीट में कहा, नासिक, महाराष्ट्र में अस्पताल के ऑक्सीजन टैंक में गैस लीक होने के कारण मरीजों की मृत्यु होने की दुर्भाग्यपूर्ण घटना से बेहद व्यथित हूँ।
नासिक, महाराष्ट्र में अस्पताल के ऑक्सीजन टैंक में गैस लीक होने के कारण मरीजों की मृत्यु होने की दुर्भाग्यपूर्ण घटना से बेहद व्यथित हूँ। इस हादसे में अपने प्रियजनों को खोने वाले परिवारों के प्रति मेरी गहरी शोक संवेदनाएं। मैं सभी अन्य मरीज़ों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूँ।
— President of India (@rashtrapatibhvn) April 21, 2021
उन्होंने कहा, इस हादसे में अपने प्रियजनों को खोने वाले परिवारों के प्रति मेरी गहरी शोक संवेदनाएं। मैं सभी अन्य मरीज़ों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूँ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को महाराष्ट्र के नासिक में कोरोना मरीजों के अस्पताल में ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित होने की घटना को ‘हृदय विदारक’ करार दिया और इसमें हुई रोगियों की मौत पर शोक जताया।
उन्होंने ट्वीट कर कहा, नासिक के अस्पताल में भंडारण संयंत्र से ऑक्सीजन लीकेज की घटना हृदय विदारक है। इससे हुई मौतों से मैं क्षुब्ध हूं। दुख की इस घड़ी में पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं।
The tragedy at a hospital in Nashik because of oxygen tank leakage is heart-wrenching. Anguished by the loss of lives due to it. Condolences to the bereaved families in this sad hour.
— Narendra Modi (@narendramodi) April 21, 2021
नासिक के जिलाधिकारी सूरज मंधारे ने बताया कि जाकिर हुसैन निगम अस्पताल में ऑक्सीजन आपूर्ति टैंक में लीकेज के बाद ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित होने से 22 लोगों की मृत्यु हो गयी। ये रोगी वेंटिलेटर और ऑक्सीजन पर थे। भंडारण संयंत्र से लीकेज के बाद ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित होने से कम से कम 22 मरीजों की मृत्यु हो गयी।