राष्ट्रपति कोविंद ने कोरोना पर नियंत्रण में भारत के प्रयासों की सराहना की

राष्ट्रपति कोविंद ने देश के 74वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम संबोधन में कोरोना योद्धाओं के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि राष्ट्र उन सभी डॉक्टरों, नर्सों तथा अन्य स्वास्थ्य-कर्मियों का ऋणी है जो कोरोना वायरस के खिलाफ इस लड़ाई में अग्रिम पंक्ति के योद्धा रहे हैं।

नयी दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिये भारत के ‘‘अग्रणी मानवीय प्रयासों’’ की सराहना करते हुए शुक्रवार को कहा कि यह पूरे विश्‍व के सामने एक अनुकरणीय उदाहरण है। राष्ट्रपति कोविंद ने देश के 74वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम संबोधन में कोरोना योद्धाओं के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि राष्ट्र उन सभी डॉक्टरों, नर्सों तथा अन्य स्वास्थ्य-कर्मियों का ऋणी है जो कोरोना वायरस के खिलाफ इस लड़ाई में अग्रिम पंक्ति के योद्धा रहे हैं।

उन्होंने कहा, सभी कोरोना योद्धा उच्च प्रशंसा के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि ये हमारे राष्ट्र के आदर्श सेवा-योद्धा हैं। इन कोरोना-योद्धाओं की जितनी भी सराहना की जाए, वह कम है। दुर्भाग्य से महामारी से मुकाबला करते हुए इनमें से कई लोगों ने जान गंवाई। वे हमारे राष्ट्रीय हीरों हैं। इन डाक्टरों, आपदा प्रबंधन दलों, पुलिस कर्मियो, सफाई कर्मियों, आपूर्ति सेवा से जुड़े कर्मियों, परिवहन, रेलवे और हवाई सेवा से जुड़े कर्मी, सामाजिक संगठन और उदार नागरिक, इन सभी ने साहस और नि:स्वार्थ सेवा की गाथा लिखने का काम किया है।

उन्होंने कहा कि जब सड़कें वीरान थी, तब इन्होंने लगातार काम किया ताकि लोग स्वास्थ्य सेवा से वंचित नहीं हों । इन्होंने हमारी जान और आजीविका के लिये अपना जीवन दांव पर लगाया। कोविंद ने कहा कि यह बहुत आश्वस्त करने वाली बात है कि इस चुनौती का सामना करने के लिए, केंद्र सरकार ने पूर्वानुमान करते हुए, समय रहते, प्रभावी कदम उठा‍ लिए थे।

उन्होंने कहा कि जब सड़कें वीरान थी, तब इन्होंने लगातार काम किया ताकि लोग स्वास्थ्य सेवा से वंचित नहीं हों । इन्होंने हमारी जान और आजीविका के लिये अपना जीवन दांव पर लगाया। कहा कि यह बहुत आश्वस्त करने वाली बात है कि इस चुनौती का सामना करने के लिए, केंद्र सरकार ने पूर्वानुमान करते हुए, समय रहते, प्रभावी कदम उठा‍ लिए थे।

उन्होंने कहा, इन असाधारण प्रयासों के बल पर, घनी आबादी और विविध परिस्थितियों वाले हमारे विशाल देश में, इस चुनौती का सामना किया जा रहा है। राज्य सरकारों ने स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार कार्रवाई की। जनता ने पूरा सहयोग दिया। राष्ट्रपति ने कहा कि इन प्रयासों से हमने वैश्विक महामारी की विकरालता पर नियंत्रण रखने और बहुत बड़ी संख्‍या में लोगों के जीवन की रक्षा करने में सफलता प्राप्त की है। यह पूरे विश्‍व के सामने एक अनुकरणीय उदाहरण है।

कोविंद ने कहा, मेरा मानना है कि सही राह पकड़कर, प्रकृति के साथ सामंजस्य पर आधारित जीवन-शैली को अपनाने का अवसर, मानवता के सामने अभी भी मौजूद है। 21वीं सदी को उस सदी के रूप में याद किया जाना चाहिए जब मानवता ने मतभेदों को दरकिनार करके, धरती मां की रक्षा के लिए एकजुट प्रयास किए। राष्ट्रपति ने कहा कि दूसरा सबक यह है कि प्रकृति के समक्ष हम सभी बराबर है तथा अपने जीवन की रक्षा और विकास के लिये अपने आसपास के लोगों पर निर्भर हैं ।

कोविंद ने कहा, मेरा मानना है कि सही राह पकड़कर, प्रकृति के साथ सामंजस्य पर आधारित जीवन-शैली को अपनाने का अवसर, मानवता के सामने अभी भी मौजूद है। 21वीं सदी को उस सदी के रूप में याद किया जाना चाहिए जब मानवता ने मतभेदों को दरकिनार करके, धरती मां की रक्षा के लिए एकजुट प्रयास किए।

राष्ट्रपति ने कहा, सार्वजनिक अस्पतालों और प्रयोगशालाओं ने कोविड-19 का सामना करने में अग्रणी भूमिका निभाई है। सार्वजनिक स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं के कारण गरीबों के लिए इस महामारी का सामना करना संभव हो पाया है। इसलिए, इन सार्वजनिक स्वास्थ्य-सुविधाओं को और अधिक विस्तृत व सुदृढ़ बनाना होगा। उन्होंने कहा कि चौथा सबक, विज्ञान और प्रौद्योगिकी से संबंधित है। इस वैश्विक महामारी से विज्ञान और टेक्‍नोलॉजी को तेजी से विकसित करने की आवश्यकता पर और अधिक ध्यान गया है।

कोविंद ने कहा कि लॉकडाउन और उसके बाद क्रमशः अनलॉक की प्रक्रिया के दौरान शासन, शिक्षा, व्यवसाय, कार्यालय के काम-काज और सामाजिक संपर्क के प्रभावी माध्यम के रूप में सूचना और संचार प्रौद्योगिकी को अपनाया गया है। राष्ट्रपति ने कहा कि इस महामारी का सबसे कठोर प्रहार, गरीबों और रोजाना आजीविका कमाने वालों पर हुआ है। संकट के इस दौर में, उनको सहारा देने के लिए, वायरस की रोकथाम के प्रयासों के साथ-साथ, अनेक जन-कल्याणकारी कदम उठाए गए हैं।

कोविंद ने कहा कि लॉकडाउन और उसके बाद क्रमशः अनलॉक की प्रक्रिया के दौरान शासन, शिक्षा, व्यवसाय, कार्यालय के काम-काज और सामाजिक संपर्क के प्रभावी माध्यम के रूप में सूचना और संचार प्रौद्योगिकी को अपनाया गया है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना’ की शुरूआत करके सरकार ने करोड़ों लोगों को आजीविका दी है, ताकि महामारी के कारण नौकरी गंवाने, एक जगह से दूसरी जगह जाने तथा जीवन के अस्त-व्यस्त होने के कष्ट को कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि किसी भी परिवार को भूखा न रहना पड़े, इसके लिए जरूरतमंद लोगों को मुफ्त अनाज दिया जा रहा है।

राष्ट्रपति ने कहा कि अपने सामर्थ्य में विश्वास के बल पर हमने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में अन्य देशों की ओर भी मदद का हाथ बढ़ाया है। कोविंद ने आगे कहा, मेरा मानना है कि कोविड-19 के विरुद्ध लड़ाई में, जीवन और आजीविका दोनों की रक्षा पर ध्यान देना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि हमने मौजूदा संकट को सबके हित में, विशेष रूप से किसानों और छोटे उद्यमियों के हित में, समुचित सुधार लाकर अर्थव्यवस्था को पुन: गति प्रदान करने के अवसर के रूप में देखा है।

राष्ट्रपति ने कहा कि कृषि क्षेत्र में ऐतिहासिक सुधार किए गए हैं। किसान बिना किसी बाधा के, देश में कहीं भी, अपनी उपज बेचकर उसका अधिकतम मूल्य प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा, किसानों को नियामक प्रतिबंधों से मुक्त करने के लिए ‘आवश्यक वस्तु अधिनियम’ में संशोधन किया गया है। इससे किसानों की आय बढ़ाने में मदद मिलेगी।

First Published on: August 15, 2020 5:33 AM
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