प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशवासियों को ईद-उल-अजहा की शुभकामनाएं दी


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को देशवासियों को ईद-उल-अजहा की
शुभकामनाएं दी और उम्मीद जताई कि यह पर्व ‘‘न्यायपूर्ण,समरसतापूर्ण और एक
समावेशी’’ समाज के निर्माण के लिए हमें प्रेरित करेगा।


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नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को देशवासियों को ईद-उल-अजहा की शुभकामनाएं दी और उम्मीद जताई कि यह पर्व ‘‘न्यायपूर्ण,समरसतापूर्ण और एक समावेशी’’ समाज के निर्माण के लिए हमें प्रेरित करेगा। ईद-उल-अजहा को कुर्बानी का त्योहार भी कहते हैं। पूरे देश में हर्षोउल्लास के साथ इसे मनाया जा रहा है।

मोदी ने ट्वीट किया,‘‘ईद मुबारक। ईद-उल-अजहा पर बधाई। यह दिन हमें न्यायपूर्ण,समरसतापूर्ण और एक समावेशी समाज के निर्माण के लिए प्रेरित करे।’’ उन्होंने कहा कि भाईचारे और करुणा की भावना आगे बढ़े।

गृह मंत्री अमित शाह ने ईद की मुबारकबाद दी

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को लोगों को ईद की मुबारकबाद दी और उम्मीद जताई कि यह त्योहार समाज में शांति और समृद्धि लेकर आएगा। ईद-उल-अजहा को कुर्बानी का त्योहार भी कहते हैं। पूरे देश में हर्षोउल्लास के साथ इसे मनाया जा रहा है। शाह ने ट्वीट किया, ‘‘ईद-उल-अजहा की मुबारकबाद। कामना करता हूं कि यह दिन हमारे समाज में शांति, सद्भाव और समृद्धि लेकर आए।

कश्मीर घाटी में सादगी से मनाई गई ईद

कश्मीर में
शनिवार को ईद-उल-अजहा का जश्न कोविड-19 वैश्विक महामारी के मद्देनजर सादगी
से मनाया गया। ज्यादातर लोगों ने छोटे समूहों में नमाज पढ़ी और शारीरिक दूर
के नियम का पालन किया।अधिकारियों ने बताया कि कश्मीर की प्रमुख मस्जिदों
और दरगाहों में ईद की नमाज नहीं पढ़ी गई क्योंकि पुलिस ने श्रीनगर शहर समेत
घाटी के ज्यादातर हिस्सों में सख्त पाबंदियां लगाई हुई है।

उन्होंने बताया
कि लोगों की आवाजाही को नियंत्रित करने के लिए शहर में कई स्थानों पर
कंटीली तारें और अवरोधक लगाए गए।उन्होंने बताया कि लोगों ने घरों में ही ईद
की नमाज अदा की।हालांकि शहरों के अंदरुनी हिस्सों में स्थित मस्जिदों में
समूहों में ईद की नमाज पढ़ने की खबरें आयीं।पुलिसकर्मियों ने सुबह-सुबह
लाउडस्पीकरों पर घोषणा करते हुए लोगों से ईद की नमाज के लिए एकत्रित न होने
की अपील की क्योंकि घाटी में अब भी कोरोना वायरस का खतरा बना हुआ
है।अधिकारियों ने बताया कि बकरीद के मौके पर घाटी में विभिन्न स्थानों पर
भेड़ों और बकरों की बलि दी गई।उन्होंने बताया कि इस साल कोविड-19 के खतरे
के कारण पिछले साल के मुकाबले कम पशुओं की बलि दी गई।



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