भारत बंद: प्रदर्शनकारियों का रेलवे ट्रैक पर कब्जा, चार शताब्दी ट्रेनें रद्द

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नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों के खिलाफ करीब चार महीने से दिल्ली बॉर्डर पर धरना दे रहे किसान प्रदर्शनकारियों ने शुक्रवार को भारत बंद कर केंद्र सरकार के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की। भारत बंद के मद्देनजर सरकार की ओर से भी एहतियाती कदम उठाए गए हैं। भारत बंद के दौरान सबसे ज्यादा पंजाब और हरियाणा का क्षेत्र इससे प्रभावित बताया जा रहा है।

वहीं, रेलवे ट्रैक पर प्रदर्शनकारी किसानों के आने के बाद रेलवे ने कई ट्रेनों को रद्द कर दिया है जिसमे शताब्दी ट्रेनें भी शामिल हैं। जिन 32 स्थानों पर ट्रेनों की आवाजाही बाधित हुई है, वे दिल्ली, अंबाला और फिरोजपुर रेलखंड के अंतर्गत आते हैं। किसानों के इस भारत बंद के मद्देनजर सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। रेलवे ट्रैक की सुरक्षा को लेकर आरपीएफ को भी लगाया गया है।

बीते करीब चार महीनों से तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संघों के ‘भारत बंद’ के आह्वान के तहत शुक्रवार को प्रदर्शनकारियों ने पंजाब और हरियाणा में 32 स्थानों पर रेल पटरियों को अवरूद्ध कर दिया, जिससे रेल यातायात बाधित हुआ। रेलवे के एक प्रवक्ता ने बताया कि विरोध प्रदर्शनों के कारण चार शताब्दी ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है और 31 अन्य ट्रेनें रुकी हुई हैं।

उत्तर रेलवे के प्रवक्ता दीपक कुमार ने बताया, “सुबह नौ बजे आंदोलनकारी किसान 32 स्थानों पर बैठे हुए देखे गए हैं। अब तक कुल 31 ट्रेनों को रोका गया है। चार शताब्दी ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है।” संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने दिल्ली के सिंघू, गाजीपुर और टीकरी बॉर्डर पर जारी किसान आंदोलन के चार महीने पूरे होने पर सुबह छह बजे से लेकर शाम छह बजे तक बंद का आह्वान किया है।

गौरतलब है कि मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हजारों किसान दिल्ली के सिंघू, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर बीते करीब चार महीनों से डेरा डाले हुए हैं। ये किसान तीनों नए कृषि कानूनों को पूरी तरह से रद्द करने और अपनी फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी देने की मांग कर रहे हैं।



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