नई दिल्ली। भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के विदेश मंत्रियों ने यूक्रेन को लेकर रूस तथा नाटो देशों के बीच तनाव, अफगान संकट और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के ‘‘दबाव’’ पर बढ़ती चिंताओं के बीच शुक्रवार को विस्तारपूर्वक चर्चा की।
विदेश मंत्री एस जयशंकर, अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन, जापान के विदेश मंत्री योशिमासा हयाशी और ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मारिस पायने ने वार्ता से पहले ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन से मुलाकात की।
पायने ने बृहस्पतिवार को कहा कि क्वाड के विदेश मंत्रियों की चौथी बैठक कोरोना वायरस टीके के वितरण, आतंकवाद रोधी प्रयासों और समुद्री सुरक्षा तथा जलवायु परिवर्तन में सहयोग पर केंद्रित होगी।
उन्होंने एक बयान में यह सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया कि हिंद-प्रशांत के सभी देश दबाव से मुक्त होकर अपने खुद के रणनीतिक फैसले ले सकें। उनकी इन टिप्पणियों को क्षेत्र में चीन की बढ़ती दादागिरी के परोक्ष संदर्भ के रूप में देखा जा रहा है।
ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री ने कहा कि वह ‘‘सुरक्षित और समृद्ध हिंद-प्रशांत बनाने में हमारे सकारात्मक और महत्वाकांक्षी एजेंडे पर चर्चा’’ करने के लिए भारत, अमेरिका और जापान के अपने समकक्षों का स्वागत करने को उत्साहित हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘एक साथ हम मुक्त लोकतंत्रों का एक अहम नेटवर्क हैं जो व्यावहारिक सहयोग के लिए प्रतिबद्ध है और यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि हिंद-प्रशांत के सभी छोटे-बड़े देश अपने खुद के रणनीतिक फैसले करने में सक्षम हों।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम हमारे क्षेत्र में टीकों के वितरण, साइबर तथा अहम प्रौद्योगिकी, भ्रामक सूचना तथा आतंकवाद रोधी अभियान, समुद्री सुरक्षा, मानवीय तथा आपदा प्रतिक्रिया और जलवायु परिवर्तन पर अपने कामों पर चर्चा करेंगे।’’
यह क्वाड के विदेश मंत्रियों की आमने-सामने की तीसरी बैठक है। इससे पहले अक्टूबर 2020 में तोक्यो में उनकी बैठक हुई थी और पहली बैठक सितंबर 2019 में न्यूयॉर्क में हुई थी।
जयशंकर ने कहा कि बैठक में कोविड-19 महामारी से निपटने के क्वाड के प्रयासों की समीक्षा की गयी और सुरक्षित तथा किफायती टीकों की आपूर्ति तेजी से करने पर सहमति जतायी गयी।
A fruitful roundtable this afternoon with Australia based CEOs. So encouraging to hear their experiences of India’s improved ease of doing business.
Discussed why post Covid world must be resilient,trusted & transparent. Thank Australia India Chamber of Commerce for organizing. pic.twitter.com/CgUPrJx3iK
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) February 11, 2022
बातचीत के मद्देनजर जयशंकर, ब्लिंकन, हयाशी और पायने ने ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन से संयुक्त रूप से मुलाकात की।
जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘‘मेलबर्न में लंबा और सार्थक दिन रहा। अभी क्वाड के विदेश मंत्रियों की चौथी बैठक खत्म हुई है। हमारे द्वारा की गयी प्रगति से खुश हूं।’’
A long and productive day in Melbourne. Just finished the 4th Quad Foreign Ministers’ Meeting. Impressed by the progress we have made.
Thank FM @MarisePayne for excellent arrangements. Heading for the press conference. pic.twitter.com/RtwvFfEUsj
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) February 11, 2022
क्वाड के विदेश मंत्रियों की बैठक में मॉरिसन ने मौजूदा भू-राजनीतिक घटनाक्रम के संदर्भ में समूह की महत्ता के बारे में बात की। उन्होंने कहा, ‘‘हम बहुत ही नाजुक और संघर्षपूर्ण दुनिया में रहते हैं और हमारे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में यहां एकत्रित लोगों से ज्यादा समान विचाराधारा वाला कोई साझेदार नहीं है।’’
मॉरिसन ने कहा कि वह क्वाड साझेदारों से ऑस्ट्रेलिया को मिले शानदार सहयोग को लेकर आश्वस्त हैं और उनका आशय केवल समुद्री क्षेत्र के संदर्भ में नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा आशय आर्थिक साझेदारी और सहयोग से है। मेरा आशय हमारी मानवीय भागीदारी से है।’’
ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने कहा कि क्वाड के देश कई साझा परियोजनाओं पर साथ मिल कर काम कर रहे हैं और यह साझेदारी केवल पांरपरिक क्षेत्रीय समुद्री मुद्दों को लेकर नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘और जिन चीजों पर हमने आज चर्चा की, वे मुख्यत: यह है कि हम हमारे मूल्यों के लिए किस तरह हमेशा खड़े रहेंगे। साथ ही, ऐसा करते हुए हम उन लोगों के खिलाफ खड़े होंगे जो हम पर दबाव बनाने चाहेंगे।’’
पायने ने बृहस्पतिवार को कहा था कि क्वाड के विदेश मंत्रियों की चौथी बैठक कोरोना वायरस टीके के वितरण, आतंकवाद रोधी प्रयासों और समुद्री सुरक्षा तथा जलवायु परिवर्तन में सहयोग पर केंद्रित होगी।
उन्होंने एक बयान में यह सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया था कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र के सभी देश दबाव से मुक्त होकर अपने खुद के रणनीतिक फैसले ले सकें। उनकी इन टिप्पणियों को क्षेत्र में चीन की बढ़ती आक्रमकता के परोक्ष संदर्भ के रूप में देखा जा रहा है।
यह क्वाड के विदेश मंत्रियों की तीसरी भौतिक बैठक है। इससे पहले अक्टूबर 2020 में तोक्यो में उनकी बैठक हुई थी और पहली बैठक सितंबर 2019 में न्यूयॉर्क में हुई थी।
मंत्रियों ने पिछले साल फरवरी में डिजिटल माध्यम से बैठक की थी।