ऑपरेशन सिंदूर पर राजनाथ सिंह ने संसद में दिया जवाब, दबाव में सीजफायर से किया इनकार

संसद के मॉनसून सत्र में सोमवार (28 अप्रैल, 2025) को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर पर सरकार का पक्ष रखते हुए अपना संबोधन शुरू किया। उन्होंने पहलगेम आतंकी हमले के बाद की सैन्य कार्रवाई को भारत की रणनीतिक क्षमताओं और निर्णायक नेतृत्व का प्रतीक बताया। राजनाथ सिंह के बयान के साथ ही इस बहुप्रतीक्षित बहस की शुरुआत हुई, जिस पर देशभर की नजरें टिकी हैं।

राजनाथ सिंह ने कहा, “सबसे पहले, मैं इस सदन के माध्यम से उन वीर सपूतों को नमन करता हूं जो इस राष्ट्र की सीमाओं की रक्षा के लिए सदैव तैयार और तत्पर रहते हैं। साथ ही, मैं उन शहीदों की स्मृति को भी श्रद्धा से नमन करता हूं जिन्होंने भारत की एकता और अखंडता सुनिश्चित करने के लिए अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया। मैं पूरे देश की ओर से सेनाओं के सभी जवानों के प्रति कृतज्ञता प्रकट करता हूं।”

रक्षा मंत्री ने कहा, “6 और 7 मई 2025 को भारतीय सेनाओं ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के नाम से एक ऐतिहासिक सैन्य अभियान को अंजाम दिया। यह केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं थी, बल्कि यह भारत की संप्रभुता, अस्मिता, नागरिकों के प्रति हमारी जिम्मेदारी और आतंकवाद के खिलाफ हमारी नीति का एक प्रभावशाली और निर्णायक प्रदर्शन था।”

राजनाथ सिंह ने कहा, “इस ऑपरेशन को अंजाम देने से पहले हमारी सेनाओं ने हर पहलू का गहन अध्ययन किया। हमारे पास कई विकल्प उपलब्ध थे, लेकिन हमने वही विकल्प चुना जिसमें आतंकवादियों और उनके ठिकानों को अधिकतम नुकसान पहुँचे और पाकिस्तान के आम नागरिकों को कोई क्षति न हो।”

उन्होंने आगे कहा, “भारतीय सेनाओं द्वारा की गई यह सुसंगठित और सटीक कार्रवाई थी, जिसमें 9 आतंकी ढांचों को निशाना बनाकर नष्ट किया गया। प्रारंभिक अनुमान के अनुसार, इस सैन्य कार्रवाई में 100 से अधिक आतंकवादी, उनके प्रशिक्षक, हैंडलर और सहयोगी मारे गए। इनमें से अधिकांश जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों से जुड़े थे, जिन्हें पाकिस्तान की सेना और ISI का प्रत्यक्ष समर्थन प्राप्त है।”

First Published on: July 28, 2025 6:23 PM
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